युधिष्ठिर ने समझा उपदेश का सही अर्थ

जब कौरव और पांडव गुरु द्रौणाचार्य के पास शिक्षा प्राप्त करते थे। तब गुरु द्रौणाचार्य अपने सभी शिष्यों को सबक याद करने को देते थे। एक दिन गुरु द्रौणाचार्य ने अपने सभी शिष्यों को एक सबक याद करने को दिया- सत्यम वद। सत्यम वद का अर्थ है सत्य बोलो।

गुरु द्रौणाचार्य ने अपनी सभी शिष्यों से कहा कि यह सबक अच्छे से याद कर लो, क्योंकि कल इसके बारे में पूछा जायेगा।

अगले दिन जब गुरु द्रौणाचार्य ने सबको पाठ सुनाने को कहा तो सभी शिष्यों ने पिछले दिन बताया गया शब्द दोहरा दिया। परन्तु जब युधिष्ठिर कि बारी आई तो वह चुप रहे। द्रौणाचार्य के पूछने पर उन्होंने कहा कि वे पाठ याद नही कर पाए।

पन्द्रह दिन बीत गये, परन्तु युधिष्ठिर को पाठ याद नही हुआ। सोहल्वें दिन युधिष्ठिर गुरु द्रौणाचार्य के पास आये और कहा कि उन्हें पाठ याद हो गया है। गुरु के कहने पर युधिष्ठिर ने सत्यम वद कह कर सुनाया।

गुरु द्रौणाचार्य ने युधिष्ठिर से पूछा कि उन्हें यह छोटा सा पाठ याद करने में इतने दिन क्यों लग गये। तब युधिष्ठिर बोले कि पाठ याद करना मुश्किल नही था। लेकिन जब तक मैं स्वयं के आचरण में इसे धारण नही करता, तब तक यह पाठ मुझे कैसे याद होता।

युधिष्ठिर कि यह बात सुनकर गुरु द्रौणाचार्य बहुत प्रसन्न हुए।

 

Previous Article

ऐसे मिटाई राम नाम ने हनुमान जी की भूख

Next Article

सूर्य देव चालीसा

Write a Comment

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *