भगवद गीता (श्रद्धात्रयविभागयोग- सत्रहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 28)

अथ सप्तदशोऽध्यायः- श्रद्धात्रयविभागयोग (श्रद्धा का और शास्त्रविपरीत घोर तप करने वालों का विषय) अर्जुन उवाच ये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः। तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः॥ भावार्थ : अर्जुन बोले- हे कृष्ण! जो मनुष्य शास्त्र विधि को त्यागकर श्रद्धा से युक्त हुए देवादिका पूजन करते हैं, उनकी स्थिति फिर कौन-सी है? सात्त्विकी है अथवा राजसी … Read more

धरती पर नदी के रूप में क्यूँ आना पड़ा देवी गोदावरी को

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग धरती पर मौजूद है इन बारह ज्योतिर्लिंगों में तीसरे स्थान पर आता है महाराष्ट्र के नासिक जिले में गोदावरी नदी के तट पर स्थित श्री त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग| त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग ब्रम्ह्गिरी पर्वत के निकट स्थित है और ब्रम्ह्गिरी पर्वत से ही गोदावरी नदी का उद्गम होता है| भगवान शिव यूँ तो … Read more

क्यों भगवान बांके बिहारी के सर से निकली खून की धारा

एक राजा ने भगवान कृष्ण का एक मंदिर बनवाया और पूजा के लिए एक पुजारी को लगा दिया| पुजारी बड़े भाव से बिहारी जी की सेवा करने लगे| भगवान की पूजा-अर्चना और सेवा-टहल करते पुजारी की उम्र बीत गई| Shri Krishna ki kahani hindi mein राजा रोज एक फूलों की माला सेवक के हाथ से … Read more

भगवद गीता (दैवासुरसम्पद्विभागयोग- सोलहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 24)

अथ षोडशोऽध्यायः- दैवासुरसम्पद्विभागयोग (फलसहित दैवी और आसुरी संपदा का कथन) श्रीभगवानुवाच अभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः। दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्‌॥ भावार्थ : श्री भगवान बोले- भय का सर्वथा अभाव, अन्तःकरण की पूर्ण निर्मलता, तत्त्वज्ञान के लिए ध्यान योग में निरन्तर दृढ़ स्थिति (परमात्मा के स्वरूप को तत्त्व से जानने के लिए सच्चिदानन्दघन परमात्मा के स्वरूप में एकी … Read more

इन चीजों को जेब में रखने से जेब कभी खाली नही होती

हम लोगों में से कई लोग ऐसे हैं जिनके हाथ में पैसा तो आता है। पर ज्यादा देर तक रुक नही पाता। समुद्र शास्त्र में इस परेशानी का उपाय बताया गया है। इसके अनुसार कुछ खास चीजें अगर जेब में रखीं जाएं तो उससे बरकत होती है। इन पांच चीजों को जेब में रखने से जेब कभी खाली … Read more

चिड़ियों से मैं बाज लडाऊं , गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ

श्री “गुरूग्रँथ” साहिब जी – ‘गुरुबाणी’ में परम पिता ‘परमात्मां’ के लिये प्रयोग किये गए 16 “नाम”

? हरी – 50 बार
? राम – 1758 बार
? प्रभू – 1314 बार
? गोबिन्द – 204 बार
? मुरारी – 42 बार
? ठाकुर – 238 बार
? गोपाल – 109 बार
? परमेशर – 16 बार
? जगदीश – 37 बार
? कृशन – 8 बार
? नाराईण – 39 बार
? वाहिगुरू – 13 बार
? मोहन – 30 बार
? भगवान – 41 बार
? निरंकार – 36 बार
? वाहगुरू – 3 बार

1 सिक्ख = 1.25 लाख मुगल

धरती की सबसे मंहंगी जगह सरहिंद (पंजाब), जिला फतेहगढ़ साहब में है, यहां पर श्री गुरुगोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों का अंतिम संस्कार किया गया था। सेठ दीवान टोंडर मल ने यह जगह 78000 सोने की मोहरे (सिक्के) जमीन पर फैला कर मुस्लिम बादशाह से ज़मीन खरीदी थी। सोने की कीमत के मुताबिक इस 4 स्कवेयर मीटर जमीन की कीमत 2500000000 (दो अरब पचास करोड़) बनती है। दुनिया की सबसे मंहंगी जगह खरीदने का रिकॉर्ड आज सिख धर्म के इतिहास में दर्ज करवाया गया है। आजतक दुनिया के इतिहास में इतनी मंहंगी जगह कही नही खरीदी गयी।

दुनिया के इतिहास में ऐसा युद्ध ना कभी किसी ने पढ़ा होगा ना ही सोचा होगा, जिसमे 10 लाख की फ़ौज का सामना महज 42 लोगों के साथ हुआ था और जीत किसकी होती है?

उन 42 सूरमो की ! यह युद्ध ‘चमकौर युद्ध’ (Battle of Chamkaur) के नाम से भी जाना जाता है जो कि मुग़ल योद्धा वज़ीर खान की अगवाई में 10 लाख की फ़ौज का सामना सिर्फ 42 सिखों के सामने 6 दिसम्बर 1704 को हुआ जो की गुरु गोबिंद सिंह जी की अगवाई में तैयार हुए थे| नतीजा यह निकलता है की उन 42 शूरवीर की जीत होती है जो की मुग़ल हुकूमत की नीव जो की बाबर ने रखी थी, उसे जड़ से उखाड़ दिया और भारत को आज़ाद भारत का दर्ज़ा दिया। औरंगज़ेब ने भी उस वक़्त गुरु गोबिंद सिंह जी के आगे घुटने टेके और मुग़ल राज का अंत हुआ हिन्दुस्तान से। तभी औरंगजेब ने एक प्रश्न किया गुरुगोबिंद सिंह जी के सामने। कि यह कैसी फ़ौज तैयार की आपने जिसने 10 लाख की फ़ौज को उखाड़ फेंका।

गुरु गोबिंद सिंह जी ने जवाब दिया

“चिड़ियों से मैं बाज लडाऊं , गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ।”
“सवा लाख से एक लडाऊं तभी गोबिंद सिंह नाम कहाउँ !!”

गुरु गोबिंद सिंह जी ने जो कहा वो किया, जिन्हे आज हर कोई शीश झुकता है , यह है हमारे भारत की अनमोल विरासत जिसे हमने कभी पढ़ा ही नहीं| अगर आपको यकीन नहीं होता तो एक बार जरूर गूगल में लिखे ‘बैटल ऑफ़ चमकौर’ और सच आपको पता लगेगा, आपको अगर थोड़ा सा भी अच्छा लगा और आपको भारतीय होने का गर्व है तो जरूर इसे आगे शेयर करे जिससे की हमारे भारत के गौरवशाली इतिहास के बारे में दुनिया को पता लगे !

कुछ दशकों के बाद चमकौर साहिब की जमीन आगे चलकर एक सिख परिवार ने खरीदी उनको इसके इतिहास का कुछ पता नहीं था । इस परिवार में आगे चलकर जब उनको पता चला के यहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी के दो बेटे शहीद हुए है तो उन्हों ने यह जमीन गुरु जी के बेटो की यादगार (गुरुद्वारा साहिब) के लिए देने का मन बनाया| जब अरदास करने के समय उस सिख से पूछा गया के अरदास में उनके लिए गुरु साहिब से क्या बेनती करनी है तो उस सिख ने कहा के गुरु जी से बेनती करनी है के मेरे घर कोई औलाद ना हो ताकि मेरे वंश में कोई भी यह कहने वाला ना हो के यह जमीन मेरे बाप दादा ने दी है ।वाहेगुरु और यही अरदास हुई और बिलकुल ऐसा ही हुआ उन सिख के घर कोई औलाद नहीं हुई अब हम अपने बारे में सोचे 50….100 रु. दे कर क्या माँगते है । वाहे गुरु….

वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह

भगवद गीता (पुरुषोत्तमयोग- पंद्रहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 20)

अथ पञ्चदशोऽध्यायः- पुरुषोत्तमयोग (संसार वृक्ष का कथन और भगवत्प्राप्ति का उपाय) श्रीभगवानुवाच ऊर्ध्वमूलमधः शाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम्‌ । छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित्‌ ॥ भावार्थ : श्री भगवान बोले- आदिपुरुष परमेश्वर रूप मूल वाले (आदिपुरुष नारायण वासुदेव भगवान ही नित्य और अनन्त तथा सबके आधार होने के कारण और सबसे ऊपर नित्यधाम में सगुणरूप से … Read more

पूजा में इन चीजों के उपयोग से रूठ जाती हैं देवी लक्ष्मी

शास्त्रों में देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गयी हैं। देवी लक्ष्मी की पूजा के समय इन बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। अगर पूजा के समय इन बातों को अनदेखा किया जाए तो धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। आइए जानते हैं कि किन बातों का ध्यान रखकर देवी लक्ष्मी की पूजा की जानी चाहिए।

शास्त्रों में तुलसी को विष्णु जी की पत्नी बताया गया है इसलिए देवी लक्ष्मी को तुलसी से वैर है। इसलिए पूजा के समय यह बात अवश्य ध्यान रखें कि लक्ष्मी जी को तुलसी और तुलसी मंजरी भूल से भी न चढ़ाएं।

देवी लक्ष्मी की पूजा के समय ध्यान रखें कि दीपक दायीं ओर रखें। इसका कारण यह है क‌ि भगवान व‌िष्‍णु अग्न‌ि और प्रकाश का स्वरूप हैं। भगवान व‌िष्‍णु का स्वरूप होने के कारण दीप को दायी ओर रखना चाह‌िए क्योंकि पति हमेशा पत्नी की दायीं ओर बैठता है।

देवी लक्ष्मी की पूजा करते हुए दीपक में लाल रंग की बत्ती प्रयोग करें।

ध्यान रहे कि पूजा के समय अगरबत्ती दायीं ओर न रखें। बायीं ओर धूप धूमन और अगरबत्ती जलने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

देवी लक्ष्मी चीर सुहागन हैं। इसल‌िए इन्हें हमेशा लाल फूल जैसे लाल गुलाब और लाल कमल फूल चढ़ाया जाता है। इन्हें सफेद फूल कभी न चढ़ाएं।

देवीभाग्वत पुराण के अनुसार देवी लक्ष्मी की पूजा तब तक सफल नहीं होती जब तक भगवान व‌िष्‍णु की पूजा नहीं होती है।

देवी लक्ष्मी की पूजा के समय प्रसाद दक्ष‌िण द‌िशा में रखें और फूल बेलपत्र हमेशा सामने रखें।

मंगलवार व्रत कथा – सर्वसुख, राजसम्मान तथा पुत्र-प्राप्ति के लिए

हनुमान जी तो सब के प्रिये हैं, और सब हनुमान जी को प्रिये हैं| जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान् हनुमान जी को याद करता है, प्रभु उस का कल्याण करते हैं और उस की हर इच्छा पूरी करते हैं| आइयें पढ़े हनुमान जी से जुड़ी मंगलवार व्रत कथा: एक समय की बात है … Read more

किस दिन पहने कौन से रंग का वस्त्र – Aaj Konsa Rang Pahne

हमारे जीवन में रंगों का बहुत महत्व है। क्या आप जानते है कि दिनों के हिसाब से रंग पहनना हमारे लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। आइए जानते है कौन सा रंग किस दिन पहनना हमारे लिए लाभकारी है। Aaj konsa rang pahne?

रंग हमारे जीवन में बहुत महत्‍वपूर्ण भूमिका रखते हैं। कुछ रंग हमें उत्‍तेजित करते हैं, कुछ हमें क्रोधित करते हैं और कुछ रंग हमें शांत करते हैं। शरीर और मन को स्‍वस्‍थ रखने के लिए रंगों का सही संतुलन बनाए रखना बहुत आवश्‍यक है।

शरीर में रंग विशेष की कमी या अधिकता के कारण शारीरिक और मानसिक समस्‍याएं पनपती हैं। रंगो का ज्‍योतिष में बहुत महत्‍व है, हर ग्रह का अपना एक अलग रंग है जो हमारे जीवन पर प्रभाव डालता है रंगों के सही प्रयोग से ग्रहों को भी ठीक किया जा सकता है।

To aaj konsa rang pahne?

सोमवार

सोमवार का दिन शीतल चन्द्रमा का दिन माना जाता है। इस दिन हमें सफ़ेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए। इस दिन सिल्वर रंग को पहनना भी शुभ माना जाता है। इस दिन आप पिंक, क्रीम, आसमानी तथा हल्का पीला रंग भी पहन सकते हैं। इस दिन सफेद रंग के कपड़े पहनने से कुंडली में चंद्र से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं। सफ़ेद रंग मन को शांति प्रदान करता है तथा सफ़ेद रंग पवित्रता का भी प्रतीक है।

मंगलवार

मंगलवार के दिन हनुमान जी को पूजा जाता है। इसलिए इस दिन लाल अथवा भगवा रंग(Saffron) के कपड़े पहनने चाहिए। ऐसा करने से विरोधियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। लाल रंग पहनने से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। साथ ही साथ लाल रंग सौभाग्य की भी निशानी है इसलिए सुहागिनें इस रंग को ज्यादा पहनती हैं।

बुधवार

बुधवार का दिन गणेश जी का दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। ऐसा करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं। गणेश को प्रसन्न करने से जीवन में शांति और संपन्नता आती है। जिन लोगों की वाणी में रूकावट हो या जिनकी आवाज कर्कश होती है, उन्हें हल्का हरा रंग पहनना चाहिये।

गुरुवार

ब्रहस्पति को प्रसन्न रखने के लिए जातक को इस दिन विशेष तौर पर पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके अलावा सुनहरा, गुलाबी, नारंगी या बैंगनी रंग के वस्त्र भी पहन सकते हैं।

शुक्रवार

शुक्रवार जगतजननी देवी माँ का दिन है। इस दिन गुलाबी रंग पहनना चाहिए।

शनिवार

शनिवार का दिन शनि देव का है। उन्हें गहरे रंग बहुत पसन्द हैं। इसलिए इस दिन काले, गहरे नीले या जामुनी रंग के कपड़े पहनने शुभ माने जाते हैं।

रविवार

रविवार का दिन सूर्य देव का दिन माना जाता है। इस दिन गुलाबी, सुनहरे तथा संतरी रंग के कपड़े पहनने चाहिए।

लक्ष्मण जी ने श्री राम के लिए किया था एक ऐसा त्याग जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते

आप सब ने रामायण के अनेक प्रसंग सुने होंगे। परन्तु आज हम जो प्रसंग आप को बताने जा रहे हैं उसके बारे में बहुत कम लोगों को ज्ञात होगा। हनुमान जी की तरह लक्ष्मण जी की भी श्री राम के प्रति भक्ति बहुत अदभुत थी। आइये जानते हैं लक्ष्मण जी की श्री राम के लिए … Read more

श्री राम चालीसा

भगवान श्री राम को श्री विष्णु का सातवाँ (7) अवतार माना जाता है। श्री राम, रामायण के मुख्य पात्र हैं। भगवान राम की पत्नी का नाम देवी सीता है। श्री रघुवीर भक्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥1॥ ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। ब्रह्म … Read more