बांके बिहारी मंदिर कृष्ण की नगरी वृन्दावन में स्थित है। बांके का शब्दिक अर्थ होता है- तीन जगह से मुड़ा हुआ और बिहारी का अर्थ होता है- श्रेष्ठ उपभोक्ता। इस आधार पर मंदिर में रखी कृष्ण की मुख्य प्रतिमा प्रसिद्ध त्रिभंगा मुद्रा में है। यह मंदिर प्राचीन गायक तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास ने बनवाया था।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, मुगलकाल में एक हिन्दू पुजारी ने भगवान कृष्ण की इस प्रतिमा को जमीन के अंदर छुपा दिया था। एक दिन स्वामी हरिदास यहां से गुजर रहे थे और जिस जगह प्रतिमा छुपाई गई थी, वह उसी जगह आराम करने के लिए रुके।
सोते समय उन्होंने एक स्वप्न देखा, जिसमें भगवान कृष्ण उनसे प्रतिमा निकालने के लिए कह रहे हैं। तब स्वामी हरिदास ने जमीन खोदकर वो प्रतिमा निकाली और एक मंदिर का निर्माण करवाया। यह मंदिर हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना जाता है और यहां हर दिन हजारों श्रद्धालू आते हैं।