राशियों में छठा स्थान है कन्या राशि का कन्या राशि के जातकों के नाम क्रमशः ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो अक्षरों से शुरू होते हैं| इस राशि का स्वामी बुद्ध है तथा इसका चिन्ह हाथ में फूल लिए हुए कन्या है साथ ही दक्षिण दिशा का परिचायक है|
कन्या राशि के लोगों में महत्वाकांक्षा बहुत होती है इस राशि के लोग निर्णय लेने के लिए दिमाग की बजाए दिल की ज्यादा सुनते हैं और इसलिए इन्हें भावुक कहा जा सकता है| इस राशि के जातकों में संकोच, शर्म और झिझक की अधिकता होती है और किसी भी बात को कहने में इन्हें झिझक महसूस होती है साथ ही अपना मत रखने में शर्माते भी हैं| पाचनतंत्र, आंत, पैर के रोग तथा फेफड़ों में शीत जैसी बीमारियों से पीड़ित होने के आसार ज्यादा होते हैं जातक प्रायः उदार यानि की पेट सम्बन्धी रोगों से बहुत परेशान रहते हैं|
कन्या राशि के लोगों की वृद्धावस्था ज्यादा सुखमय होती है बचपन और युवावस्था में कठिन मेहनत करने पर भी मेहनत के अनुरूप बहुत थोडा ही फल मिलता है| और इसी वजह से इन्हें अपने जीवन में स्थिरता का अनुभव नहीं होता है तथा ये अपने जीवन में निराशा का अनुभव भी करते हैं|
कन्या राशि के जातकों का झुकाव सेवाओं, मकान एवं जमीन वाले क्षेत्रों की तरफ ज्यादा होता और इन क्षेत्रों में इन्हें सफलता भी मिलती है| इस राशि के लोगों का शरीर बड़ा ही कोमल होता है चाहे वो पुरुष हो या स्त्री जातक के मन में ललित और नाजुक कलाओं के प्रति प्रेम की भावना होती है|
इस राशि के लोग अपनी मेहनत और योग्यता के बदौलत उच्च पद पर आसीन होने में कामयाब हो पाते है| साथ ही इनमे सूझबूझ, चतुराई और धैर्य जैसे गुण इन्हें हर स्थिति का सामना करने की शक्ति प्रदान करते हैं और इनके दृढ निश्चय का कोई सानी नहीं है|
राशि स्वामी बुद्ध से इन्हें विचारपूर्ण जीवन, तेज बुद्धि और अच्छे गुणों की प्राप्ति होती है| कन्या राशि वालों को जल्दी या बिना उचित कारण के क्रोध नहीं आता परन्तु अगर इन्हें क्रोध आ गया तो जिस पर क्रोधित हुए हैं उससे घृणा हो जाती है और इनका क्रोध जल्दी शांत भी नहीं होता| जैसे जैसे ये शिक्षित और सफल होने लगते हैं वैसे वैसे इनकी शर्म और झिझक में कमी आनी शुरू हो जाती है परन्तु ये लोग सारी उम्र नम्र स्वभाव के ही रहते हैं|
कन्या राशि के जातक बातचीत करने में कुशल होते हैं और अपने भाषण से लोगों को बांधे रखने की क्षमता होती है|सम्बन्धियों से इनकी नहीं बनती इतना ही नहीं इनका वैवाहिक जीवन भी कष्ट में ही बीतता है|
कन्या राशि के जातकों को प्रेम संबंधों में सफलता नहीं मिलती तथा अपने हितैषियों के साथ भी इनका झगडा ही रहता है| इस राशि के जातकों को प्रायः बहुत सारी यात्रायें करनी पड़ती हैं कन्या राशि के जातक अपनी धुन के पक्के होते हैं ये जो भी काम शुरू करते हैं उसे पूरा किये बिना नहीं छोड़ते हैं|
इस राशि के लोगों का धार्मिक विचारों में विश्वास तो होता हैं परन्तु इनका अपना कोई विशेष मत नहीं होता है| इस राशि के लोगों की लोकप्रियता परिचितों के अपेक्षा अपरिचितों में ज्यादा होती है अगर ये विदेश में संपर्क बढाते हैं तो वो इनके लिए बड़ा ही लाभप्रद होता है| इनका मित्र कोई भी हो सकता है जरूरी नहीं की एक जैसी विचारधारा वाले ही इनके दोस्त बने|