कौन जाएगा स्वर्ग और कौन नर्क
एक समय कि बात है एक गाँव में एक ब्राह्मण और वैश्या एक दूसरे के पड़ोस में रहते थे। ब्राह्मण पूरा दिन भगवान कि पूजा पाठ… Read More »कौन जाएगा स्वर्ग और कौन नर्क
एक समय कि बात है एक गाँव में एक ब्राह्मण और वैश्या एक दूसरे के पड़ोस में रहते थे। ब्राह्मण पूरा दिन भगवान कि पूजा पाठ… Read More »कौन जाएगा स्वर्ग और कौन नर्क
एक गांव में एक पुजारी रहते थे। वह हमेशा धर्म कर्म के कामों में लगे रहते थे। एक दिन वह जंगल के रास्ते से साथ वाले… Read More »निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है
हमें जीवन में जो भी मिलता है। हम उसमें कभी खुश नही होते। हमें भगवान का दिया हुआ सब कम लगता है। हम सोचते हैं कि हम… Read More »ईश्वर की मर्जी में रहें खुश
हनुमान जी के पुत्र मकरध्वज के जन्म की कथा के बारे में हम आपको पहले बता चुके हैं। परन्तु क्या आप इस प्रसंग के बारे में… Read More »क्यों हनुमान जी ने अपने पुत्र मकरध्वज को पूंछ से बांधकर श्री राम के सामने पेश किया
प्रभु श्री राम से जुडी कई कथाएं हैं इन्ही में से एक कथा है उनके द्वारा किये गए अश्वमेघ यज्ञ के बारे में भी है|… Read More »प्रभु श्री राम द्वारा किये गए अश्वमेघ यज्ञ का घोडा कौन था
शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत-पूजन किया जाता है। सुख-सौभाग्य की कामना के लिए माता संतोषी के 16 शुक्रवार तक व्रत किये जाने का… Read More »जय संतोषी माँ – 16 शुक्रवार व्रत कथा, विधि, आरती तथा उद्देश्य
यह कहानी एक साधारण से जानवर — गधे — की है, परंतु इसके पीछे छिपा हुआ संदेश अत्यंत गहरा और प्रेरणादायक है। यह न केवल… Read More »जीवन की हर समस्या में हमें धैर्य और विवेक से काम लेना चाहिए
जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता। अपनी क्षमताओं पर भरोसा रख कर किया जाने वाला कोई भी बदलाव छोटा… Read More »जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता
एक दिन भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ देव के मन में विचार आया की क्यों ना एक बार पृथ्वी लोक का भ्रमण किया जाए| अपने… Read More »होनी को कोई नहीं टाल सकता: जो होना है वो हो कर ही रहेगा
एक समय की बात है एक रियासत में एक राजमाता रहती थी। वह बहुत धार्मिक विचारों की स्त्री थी। एक दिन राजमाता ने सोचा कि… Read More »दीन दुखियों की सेवा ही असली सेवा है
एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था। जब भी फुर्सत मिलती वो आम के पेड के पास पहुच जाता। पेड के उपर चढ़ता,आम… Read More »माता पिता निस्वार्थ प्रेम और त्याग के बदले सिर्फ प्रेम की अपेक्षा रखते हैं
श्री “गुरूग्रँथ” साहिब जी – ‘गुरुबाणी’ में परम पिता ‘परमात्मां’ के लिये प्रयोग किये गए 16 “नाम” ? हरी – 50 बार ? राम –… Read More »चिड़ियों से मैं बाज लडाऊं , गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ