स्वस्तिक: क्यों माना जाता है शुभ मंगल का प्रतीक
प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले स्वस्तिक चिन्ह दीवार, थाली या ज़मीन पर बनाकर उसकी पूजा की जाती है| इसे शुभ मंगल का प्रतीक कहा गया…
Read more »हिन्दू धर्म में क्या मान्यता है जनेऊ धारण करने की, जानिए इसका रहस्य और लाभ
जनेऊ एक पवित्र सफ़ेद रंग का तीन धागों वाला सूत्र है, जिसे ‘उपनयन संस्कार’ के समय धारण किया जाता है और संस्कृत में इसे ‘यज्ञोपवीत संस्कार’ कहा जाता है|इस सूत से बने पवित्र धागे…
Read more »जानिए अपनी रसोईघर का वास्तु
हर घर में रसोईघर का बहुत ही प्रमुख स्थान है जहाँ सम्पूर्ण परिवार के लिए भोजन तैयार होता है| प्राचीन काल में खाना बनाना, बर्तन धोने जैसी प्रक्रिया भवन के…
Read more »जानिए कौन सा रत्न है आपके लिए फायदेमंद
प्राचीनकाल से ही रत्न मनुष्य के जीवन में प्रभावशाली भूमिका निभाते है, यह व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करते है| रत्नो का प्रयोग आभूषणों और ज्योतिषी उद्देश्य के लिए किया जाता है|…
Read more »शुक्रवार को कैसे करें मां दुर्गा की पूजा
देवी की आराधना का अर्थ है शक्ति की आराधना और कहते हैं कि शक्ति का रंग है लाल, इसीलिए देवी दुर्गा की आराधना में लाल रंग का बहुत महत्व है।…
Read more »तुलसी का पौधा उगाते समय इन बात्तों का रखे ध्यान
तुलसी एक पवित्र जड़ी-बूटी है यह झाड़ी के रूप में उगता है और 2 से 3 फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तियाँ बैंगनी आभा वाली हल्के रोएँ से ढकी होती हैं।…
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