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Hinduism

ऐसे मिटाई राम नाम ने हनुमान जी की भूख

    लंका युद्ध जीतने के बाद श्री राम का अयोध्या में राज्याभिषेक हुआ। राज्याभिषेक के बाद देवी सीता को हनुमान जी पर वात्सल्य प्रेम उमड़ा और उन्होंने… Read More »ऐसे मिटाई राम नाम ने हनुमान जी की भूख

    समुद्र मंथन का साक्षी है मंदार पर्वत

      समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बाहर निकली थी। देवतओं तथा राक्षसों ने समुद्र मंथन के लिए शेषनाग और एक पहाड़ का सहारा लिया… Read More »समुद्र मंथन का साक्षी है मंदार पर्वत

      हमें प्रभु के और करीब लाता है संगीत और मंत्रजाप, जानिये कैसे?

        सभी लोग उन्हें योग का ‘रॉकस्टार’ कहते हैं लेकिन वो खुद को केवल ‘कीर्तनवाला’ ही कहलाना पसंद करते हैं। 2013 में ग्रैमी अवार्ड के लिए… Read More »हमें प्रभु के और करीब लाता है संगीत और मंत्रजाप, जानिये कैसे?

        जय संतोषी माँ – 16 शुक्रवार व्रत कथा, विधि, आरती तथा उद्देश्य

          शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत-पूजन किया जाता है। सुख-सौभाग्य की कामना के लिए माता संतोषी के 16 शुक्रवार तक व्रत किये जाने का… Read More »जय संतोषी माँ – 16 शुक्रवार व्रत कथा, विधि, आरती तथा उद्देश्य

          जीवन की हर समस्या में हमें धैर्य और विवेक से काम लेना चाहिए

            यह कहानी एक साधारण से जानवर — गधे — की है, परंतु इसके पीछे छिपा हुआ संदेश अत्यंत गहरा और प्रेरणादायक है। यह न केवल… Read More »जीवन की हर समस्या में हमें धैर्य और विवेक से काम लेना चाहिए

            जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता

              जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता। अपनी क्षमताओं पर भरोसा रख कर किया जाने वाला कोई भी बदलाव छोटा… Read More »जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता

              होनी को कोई नहीं टाल सकता: जो होना है वो हो कर ही रहेगा

                एक दिन भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ देव के मन में विचार आया की क्यों ना एक बार पृथ्वी लोक का भ्रमण किया जाए| अपने… Read More »होनी को कोई नहीं टाल सकता: जो होना है वो हो कर ही रहेगा

                भगवद गीता (मोक्षसंन्यासयोग- अठारहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 78)

                  अथाष्टादशोऽध्यायः- मोक्षसंन्यासयोग (त्याग का विषय) अर्जुन उवाच सन्न्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम्‌ । त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ॥ भावार्थ : अर्जुन बोले- हे महाबाहो! हे अन्तर्यामिन्‌!… Read More »भगवद गीता (मोक्षसंन्यासयोग- अठारहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 78)

                  दीन दुखियों की सेवा ही असली सेवा है

                    एक समय की बात है एक रियासत में एक राजमाता रहती थी। वह बहुत धार्मिक विचारों की स्त्री थी। एक दिन राजमाता ने सोचा कि… Read More »दीन दुखियों की सेवा ही असली सेवा है

                    माता पिता निस्वार्थ प्रेम और त्याग के बदले सिर्फ प्रेम की अपेक्षा रखते हैं

                      एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था। जब भी फुर्सत मिलती वो आम के पेड के पास पहुच जाता। पेड के उपर चढ़ता,आम… Read More »माता पिता निस्वार्थ प्रेम और त्याग के बदले सिर्फ प्रेम की अपेक्षा रखते हैं

                      नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति की कथा

                        भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के बाद नाम आता है नागेश्वर या फिर जागेश्वर ज्योतिर्लिंग का नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारकापुरी से… Read More »नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति की कथा