बृहस्पति देव की आरती

जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा । छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी । जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥ चरणामृत निज…

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ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे | भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे | ॐ जय जगदीश हरे || Om Jai Jagadiish…

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दुर्गा माता की आरती

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत मैयाजी को निस दिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवजी ।| जय अम्बे गौरी ॥ माँग सिन्दूर विराजत टीको मृग…

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विष्णु जी और श्री कृष्ण के पूजन में न करें कभी ये गलतियां

भगवान को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है विधिपूर्वक उनकी पूजा अराधना करना| यदि हम भगवान की प्रतिमा की पूजा विधिपूर्वक करते हैं तो यह निश्चित है कि हमें शुभ फल प्राप्त होंगे| परन्तु थोड़ी…

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हनुमान जी का गुणगान करें हनुमान आरती के साथ

हनुमान जी श्री राम के बहुत बड़े भक्त हैं। कहते हैं हनुमान जी की अराधना करने से सब दुख और कष्ट दूर होते हैं और भूत पिशाच भी दूर भागते…

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श्री रामचन्द्र जी की आरती

भगवान श्री राम रामायण के प्रमुख पात्र हैं| विष्णु अवतार श्री राम का नाम जपने से सभी कष्ट दूर होते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम को ही मंत्र माना…

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काली माता की आरती

हिन्दू धर्म की पौराणिक कथायों के अनुसार माँ काली ने धर्म की रक्षा तथा राक्षसों के विनाश के लिए जन्म लिया था। काली माँ अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनकी…

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गायत्री माता की आरती – Goddess Gayatri Aarti

ज्ञान व पवित्रता की देवी गायत्री की आराधना करने से जीवन खुशियों से भर जाता है। माता गायत्री की पूजा में निम्न आरती का भी विशेष प्रयोग किया जाता है। गायत्री…

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देवी सीता जी की आरती – Devi Sita Ji ki aarti

प्रभु श्री राम की धर्मपत्नी देवी सीता जी को कौन नहीं जानता। माता सीता बहुत ही मधुर स्वाभाव की थीं| माता अपने सभी भक्तों को मनचाहा फल देती हैं आईये…

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देखिये देवी सरस्वती जहाँ पहली बार प्रकट हुई थी वह स्थान आज कैसा लगता है

देवी सरस्वती को कौन नहीं जानता। देवी का ज़िक्र सबसे पहले ऋग्वेद में हुआ था। सरस्वती देवी को ज्ञान, संगीत, कला और बुद्धिमता का प्रतीक माना जाता है। माता के…

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जय शिव ओंकारा – शिव जी की आरती

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा | ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा…… एकानन चतुरानन पंचांनन राजे | हंसासंन ,गरुड़ासन ,वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव…

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शनि देव की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय.॥ श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी। नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय.॥ क्रीट मुकुट शीश रजित…

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