सूर्य देव को जल चढ़ाने का बहुत महत्व है। पौराणिक कथायों में भी सूर्य देव को जल चढ़ाने का वर्णन मिलता है। भगवान श्री राम हर दिन सूर्य को जल देकर उनकी पूजा करते थे। महाभारत की कथा के अनुसार कर्ण नियमित रूप से सूर्य की पूजा करते थे और सूर्य को जल का अर्घ्य देते थे। शास्त्रों में भी बताया गया है कि हर दिन सूर्य को जल चाहिए। नियमित रूप से इस नियम का पालन करने से स्वास्थ्य ठीक रहता है और घर में संपन्नता आती है।
आइए जानते हैं सूर्य देव को जल चढ़ाने से होने वाले फायदे
ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि सूर्य आत्मा का कारक है। इसलिए आत्म शुद्धि और आत्मबल बढ़ाने के लिए नियमित रूप से सूर्य को जल देना चाहिए।
सूर्य को नियमित जल देने से शरीर ऊर्जावान बनता है और कार्यक्षेत्र में इसका लाभ मिलता है।
नियमित रूप से सूर्य देव को जल देने से नौकरी में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं। ऐसा करने से उच्चाधिकारियों से सहयोग भी मिलने लगता है।
सूर्य देव को जल तांबे के पात्र से चढ़ाना चाहिए तथा जल में चुटकी भर रोली मिला कर, लाल फूल के साथ जल दें। इसके बाद जल देते समय 7 बार जल दें और सूर्य के मंत्र का जप करें।
सूर्य मन्त्र
रविवार के दिन नीचे दिए गए मंत्रों में से जो भी मंत्र आसानी से याद हो सकें उसके द्वारा सूर्य देव का पूजन करें। फिर अपनी मनोकामना मन ही मन बोलें। भगवान सूर्य नारायण आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करेंगे।
1. ऊं घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।
5. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
12 सूर्य नमस्कार मन्त्र
* ॐ सूर्याय नम: ।
* ॐ भास्कराय नम:।
* ऊं रवये नम: ।
* ऊं मित्राय नम: ।
* ॐ भानवे नम:
* ॐ खगय नम: ।
* ॐ पुष्णे नम: ।
* ॐ मारिचाये नम: ।
* ॐ आदित्याय नम: ।
* ॐ सावित्रे नम: ।
* ॐ आर्काय नम: ।
* ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ।