सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित है। त्रिदेवों में एक माने जाने वाले भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हिन्दू धर्म में सोमवार व्रत का विधान है। माना जाता है कि सोमवार का व्रत पूरे विधि- विधान के साथ करने से मन की सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं।
प्राचीन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सोमवार, सोलह सोमवार और सौम्य प्रदोष। तीनों तरह के व्रतों की पूजा विधि एक ही है पर व्रत कथा अलग-अलग है।
सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी आवश्यक है। व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए।
सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठने के बाद पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिड़कें।
घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें। इसके बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें।