भगवान शिव के भक्तों को हर साल महाशिवरात्रि का इंतजार रहता है। महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने का बहुत अच्छा अवसर होता है। शिवजी के भक्त इस दिन उन्हें प्रसन्न करने का हर तरह का प्रयास करते हैं। इस अवसर पर अगर हम भगवान शिव की इन 7 वस्तुयों से पूजा करें तो हम उनका मन जीत सकते हैं।
भांग
भगवान शिव को भांग बहुत प्रिय है। जब भगवान शिव ने विष का सेवन किया था। तब देवताओं ने उस विष के उपचार के लिए जिन जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया था। उनमे से भांग भी एक थी। महाशिवरात्रि के दिन भांग को पीसकर दूध या जल में घोलकर भगवान शिव का अभिषेक करें तो रोग दोष से मुक्ति मिलती है।
धतूरा
धतूरा भी एक तरह की जड़ी बूटी है। शिव जी के विष का असर दूर करने के लिए भांग के साथ साथ धतूरे का भी प्रयोग किया गया था। इसलिए शिव जी को धतूरा भी प्रिय है। इस दिन भगवान शिव को धतूरा अर्पित करने से शत्रुयों का भय दूर होता है तथा धन संबंधी मामलों में उन्नति होती है।
गंगाजल
गंगा को सब से पवित्र नदी माना जाता है। गंगा भगवान विष्णु के चरणों से निकली तथा शिव जी के जटा से धरती पर उतरी है। शिवरात्रि के दिन गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। इससे मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
गन्ने का रस
शास्त्रों में गन्ने के रस को बहुत पवित्र माना गया है। गन्ने को सुख का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करने से धन धान्य की प्राप्ति होती है।
बेलपत्र
इस दिन शिव जी को तीन पत्तों वाला बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। तीन पत्तों वाला बेलपत्र त्रिदेव यानि कि ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश का प्रतीक है। पुराणों में बताया गया है कि शिवरात्रि के दिन बेलपत्र अर्पित करने से शिवलोक की प्राप्ति होती है। ध्यान रखें कि वह बेलपत्र कहीं से कटा फटा न हो।
धतूरे का फूल
धतूरे के फूल में धतूरे के फल के समान औषधीय गुण पाए जाते हैं। शिव जी को धतूरे का फूल अर्पित करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
चांदी के नाग नागिन के जोड़े
यदि आपके घर में ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण सुख शांति की कमी है तथा आर्थिक परेशानियां आ रही है तो महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव को नाग-नागिन के जोड़े समर्पित करें। इससे कालसर्प योग और नाग दोष समाप्त होता है।