भगवान शिव को महाकाल भी कहा जाता है। धार्मिक ग्रन्थों में शिव जी को अनादि व अजन्मा बताया गया है। महाकाल उसे कहा जाता है मृत्यु भी जिसके अधीन रहती है। शिवपुराण में ऐसी बातों का जिक्र किया गया है जिन से मृत्यु के संकेत मिलते हैं। शिवपुराण में मृत्यु से जुड़े हुए जो संकेत बताये गए हैं। वह भहगवान शिव ने पार्वती जी को बताये थे। इन संकेतों के अनुसार हम जान सकते हैं कि किस व्यक्ति की मौत कितने समय में हो सकती है। ये संकेत इस प्रकार हैं-
शिवपुराण में बताया गया है कि जिस मनुष्य को ग्रहों के दर्शन होने पर भी दिशायों का ज्ञान न हो और मन में बेचैनी भी बनी रहे तो उस मनुष्य के जीवन के केवल 6 महीने ही रह गए हैं।
शिवपुराण में भगवान शिव ने बताया है कि मनुष्य के सिर पर गिद्ध, कौवे अथवा कबूतर का बैठना मृत्यु का संकेत माना जाता है और वह मनुष्य पृथ्वी पर केवल एक महीने का ही मेहमान है।
ऐसे व्यक्ति की आयु भी केवल एक माह की ही मानी जाती है। जिसे अचानक से नीली मक्खियां आकर घेर लें।
शिवपुराण के अनुसार उस व्यक्ति की मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाती है जिसके शरीर पर लाल निशान दिखाई दें और शरीर सफेद या पीला पड़ जाए।
ऐसा व्यक्ति भी 6 महीने के भीतर अपने सांस त्याग देता है जिसके मुंह, कान, आंख और जीभ ठीक से काम न करें।
यदि किसी व्यक्ति के मुंह और कंठ बार-बार सूखने लगे तो यह समझ जाना चाहिए कि 6 महीने के बाद उसकी आयु समाप्त हो जाएगी।
उस व्यक्ति के पास जीवन के केवल 15 दिन हैं। जिसे चंद्रमा व सूर्य के आस-पास का चमकीला घेरा काला या लाल रंग का दिखाई दे।
अरूंधती तारा व चंद्रमा जिसे न दिखाई दे अथवा जिसे अन्य तारे भी ठीक से न दिखाई दें, ऐसे मनुष्य की मृत्यु एक महीने के भीतर हो जाती है।
उस व्यक्ति का जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता, जिसकी त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) में नाक बहने लगे।
शिवपुराण में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी छाया को सिर से रहित देखे अथवा अपने को छाया से रहित पाए तो उस व्यक्ति का जीवन एक माह के अंदर समाप्त हो जाएगा।
जल, तेल, घी तथा दर्पण में अपनी परछाई न दिखाई देने का अर्थ है कि व्यक्ति का जीवन काल 6 माह से अधिक नही है।
यदि किसी के सारे अंगों में अंगड़ाई आने लगे और तालू सूख जाए, तब वह मनुष्य एक मास तक ही जीवित रहता है।
अगर किसी मनुष्य का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक फड़कता ही रहे, तब उसका जीवन एक मास ही शेष है।
शिवपुराण में भगवान शिव ने बताया है कि अगर व्यक्ति को अग्नि का प्रकाश ठीक से दिखाई न दे और चारों ओर काला अंधकार दिखाई दे तो वह व्यक्ति 6 महीने के अंदर ही अपनी देह का त्याग कर देगा।
शिवपुराण के अनुसार जो व्यक्ति हिरण के पीछे होने वाली शिकारियों की भयानक आवाज को भी जल्दी नहीं सुनता, उसकी मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाती है।
अगर किसी को आकाश में सप्तर्षि तारे दिखाई देने बन्द हो गए हैं तो उस मनुष्य की आयु भी केवल 6 माह की रह गयी है।
शिवपुराण में बताया गया है कि जिस मनुष्य को ध्रुव तारा अथवा सूर्यमंडल के भी ठीक से दर्शन न हो। रात में इंद्रधनुष और दोपहर में उल्कापात होता दिखाई दे तथा गिद्ध और कौवे घेरे रहें तो उसकी आयु 6 महीने से अधिक नहीं होती।