शास्त्रों में बताया गया है कि रावण महापंडित तथा महाज्ञानी था। परन्तु जब भी रावण का नाम लिया जाता है तो हम रावण के नकारात्मक रूप के बारे में ही सोचते हैं। क्योंकि रावण ने अपने अहंकार में आकर कुछ ऐसे काम किए, जिसके कारण दुनिया के समक्ष वह एक खलनायक बन गया। अहंकार में आकर रावण स्वयं को भगवान की तरह श्रेष्ठ समझने लगा था। इसलिए उसने कुछ ऐसे सपने देखे जिनसे वह कुदरत के नियमों को ही बदल देना चाहता था। यदि रावण ने अपने सपने पुरे किये होते तो आज दुनिया की तस्वीर ही कुछ और होती।
आइए जानते हैं रावण के इन सपनों के बारे में।
स्वर्ग तक सीढ़ी
अपने द्वारा किये गए कर्मों के आधार पर व्यक्ति स्वर्ग या नर्क जाता है। परन्तु रावण कुदरत के इस नियम को बदलना चाहता था। रावण धरती से स्वर्ग तक जाने के लिए सीढ़ी बनाना चाहता था। जिससे हर व्यक्ति सीधा स्वर्ग में ही जाए। रावण ने यह सीढ़ी बनाने का काम भी शुरू कर दिया था। परन्तु श्री राम द्वारा रावण के वध के बाद रावण का यह सपना अधूरा रह गया।
समुद्र के खारे पानी को मीठा करना
रावण का एक यह स्वप्न भी था कि वह समुद्र के खारे पानी कोमीठा कर दे। ताकि धरती पर कभी भी पानी की कमी न हो। यह कार्य भी रावण द्वारा शुरू कर दिया गया था। परन्तु इस कार्य के पूर्ण होने से पहले ही वह इस दुनिया से चला गया।
सोने को सुगंधित बनाना
रावण ने अपनी लंका नगरी को सोने का बनवाया था। क्योंकि उसे सोने का बहुत चाव था। रावण चाहता था कि सोने की पहचान आसानी से हो जाए, इसलिए वह सोने में सुगंध भरना चाहता था।
शराब को गंधहीन बनाना
रावण चाहता था कि शराब का सेवन सब करें। परन्तु इसकी गंध की वजह से ज्यादा लोग इसका सेवन नही करते। इसलिए रावण की इच्छा थी कि वो शराब को गंधहीन बना दें।
खून को सफेद बनाना
खून का रंग लाल होने के कारण रावण द्वारा की गयी हत्यायों का पता सब को लग जाता था। इसलिए रावण चाहता था कि सबके खून का रंग सफ़ेद हो जाए। जिससे उसके द्वारा की जाने वाली हत्याओं के बारे में किसी को पता ना चल सके।
रंगभेद को मिटाना
रावण का सपना था कि सभी लोग गौरे दिखें ताकि रंग के आधार पर कोई किसी को नीची नजर से ना देखे और रंग भेद पूरी तरह से समाप्त हो जाए।
खुद को भगवान मनवाना
रावण अहंकार में आकर स्वयं को भगवान मानने लगा था। इसलिए वह चाहता था कि सभी लोग उसे ही ईश्वर समझ कर उसकी पूजा करें।