क्यों विराजते हैं नंदी शिवलिंग के सामने
आपने अक्सर देखा होगा कि भगवान शिव के मंदिर में उनकी मूर्ति के आगे नंदी जी विराजमान होते हैं तथा भगवान शिव की पूजा करने के… Read More »क्यों विराजते हैं नंदी शिवलिंग के सामने
आपने अक्सर देखा होगा कि भगवान शिव के मंदिर में उनकी मूर्ति के आगे नंदी जी विराजमान होते हैं तथा भगवान शिव की पूजा करने के… Read More »क्यों विराजते हैं नंदी शिवलिंग के सामने
हनुमान बाहुक का पाठ हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिया किया जाता है| हनुमान बाहुक का निरन्तर पाठ करने से मनोवांछित मनोरथ की प्राप्ति होती है|… Read More »हनुमान बाहुक पाठ से पाएं शारीरिक रोगों से मुक्ति
घर में मंदिर होना बहुत आवश्यक होता है| क्योंकि मंदिर के घर में होने से घर में सकरात्मक ऊर्जा आती है तथा यह घर में… Read More »घर के मंदिर में यह मूर्तियां अवश्य होनी चाहिए
आज बन्दर और बन्दरिया के विवाह की वर्षगांठ थी । बन्दरिया बड़ी खुश थी एक नज़र उसने अपने परिवार पर डाली। तीन प्यारे-प्यारे बच्चे, नाज… Read More »अच्छा हुआ हम इन्सान नहीं बने
द्रोपदी द्रुपद नरेश की पुत्री थी| अपनी पुत्री के विवाह के लिए द्रुपद ने स्वयंवर का आयोजन किया| उस समय पांडव वनवास व्यतीत कर रहे… Read More »द्रोपदी ने क्यों कहा कि भीम ही है मेरा सच्चा पति
इस दुनिया को खुश रहने वाले व्यक्ति की जरुरत है फिर क्यू ना सबसे पहले हम ही एक ऐसा आदमी बन जाये जो अपना हर… Read More »खुश रहने और खुशी से जीवन बिताने के 40 तरीके
एक औरत अपने बच्चे को एक संत व्यक्ति के पास लेकर गई। उसने संत से कहा, “मेरे डॉक्टर ने कहा है कि मेरे बेटे को… Read More »आप एक अच्छे इंसान हैं, लेकिन क्या आप एक पुण्य आत्मा हैं?
मृत्यु का अर्थ है भौतिक शरीर से आत्मा का जुदा होना है। मृत्यु नये और बेहतर जीवन का एक प्रारंभिक बिन्दु बन जाता है। यह… Read More »क्यों मृत्यु नहीं है जीवन का अंत
रावण वध कर, अयोध्या लौटने पर हम भगवान श्री राम के स्वागत में हर साल दीवाली का त्यौहार हर्षोउल्लास के साथ मनाते है। जबकि इसी… Read More »राम कथा के इन घटनाक्रम से प्रेरणा लेकर इन्हें जीवन में आत्मसात करें
मैं भारत का नागरिक हूँ, मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये। बिजली मैं बचाऊँगा नहीं, बिल मुझे कम चाहिये । पेड़ मैं लगाऊँगा नहीं, मौसम मुझको… Read More »मैं भारत का नागरिक हूँ, मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये।
मुद्रा माटी हो गई, मोदी भए कुम्हार। नेता मिलि के रो रहे, ऐसा हुआ प्रहार।। दीदी गुर्राए यहाँ, वहाँ बहन जी रोय। उधर केजरी दंग… Read More »मुद्रा माटी हो गई, मोदी भए कुम्हार। नेता मिलि के रो रहे, ऐसा हुआ प्रहार
चाणक्य का जन्म भारत वर्ष में लगभग 2400 साल पहले हुआ था| उनके द्वारा लिखे गए ग्रन्थ आज भी उतने ही सही हैं जितने उस… Read More »आचार्य चाणक्य के द्वारा कहे गए 602 बहुमूल्य विचार