जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता
जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता। अपनी क्षमताओं पर भरोसा रख कर किया जाने वाला कोई भी बदलाव छोटा… Read More »जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता
जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता। अपनी क्षमताओं पर भरोसा रख कर किया जाने वाला कोई भी बदलाव छोटा… Read More »जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता
एक दिन भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ देव के मन में विचार आया की क्यों ना एक बार पृथ्वी लोक का भ्रमण किया जाए| अपने… Read More »होनी को कोई नहीं टाल सकता: जो होना है वो हो कर ही रहेगा
अथाष्टादशोऽध्यायः- मोक्षसंन्यासयोग (त्याग का विषय) अर्जुन उवाच सन्न्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम् । त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ॥ भावार्थ : अर्जुन बोले- हे महाबाहो! हे अन्तर्यामिन्!… Read More »भगवद गीता (मोक्षसंन्यासयोग- अठारहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 78)
एक समय की बात है एक रियासत में एक राजमाता रहती थी। वह बहुत धार्मिक विचारों की स्त्री थी। एक दिन राजमाता ने सोचा कि… Read More »दीन दुखियों की सेवा ही असली सेवा है
एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था। जब भी फुर्सत मिलती वो आम के पेड के पास पहुच जाता। पेड के उपर चढ़ता,आम… Read More »माता पिता निस्वार्थ प्रेम और त्याग के बदले सिर्फ प्रेम की अपेक्षा रखते हैं
भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के बाद नाम आता है नागेश्वर या फिर जागेश्वर ज्योतिर्लिंग का नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारकापुरी से… Read More »नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति की कथा
अथ सप्तदशोऽध्यायः- श्रद्धात्रयविभागयोग (श्रद्धा का और शास्त्रविपरीत घोर तप करने वालों का विषय) अर्जुन उवाच ये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः। तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो… Read More »भगवद गीता (श्रद्धात्रयविभागयोग- सत्रहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 28)
भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग धरती पर मौजूद है इन बारह ज्योतिर्लिंगों में तीसरे स्थान पर आता है महाराष्ट्र के नासिक जिले में गोदावरी नदी… Read More »धरती पर नदी के रूप में क्यूँ आना पड़ा देवी गोदावरी को
एक राजा ने भगवान कृष्ण का एक मंदिर बनवाया और पूजा के लिए एक पुजारी को लगा दिया| पुजारी बड़े भाव से बिहारी जी की… Read More »क्यों भगवान बांके बिहारी के सर से निकली खून की धारा
अथ षोडशोऽध्यायः- दैवासुरसम्पद्विभागयोग (फलसहित दैवी और आसुरी संपदा का कथन) श्रीभगवानुवाच अभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः। दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्॥ भावार्थ : श्री भगवान बोले- भय का… Read More »भगवद गीता (दैवासुरसम्पद्विभागयोग- सोलहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 24)
हम लोगों में से कई लोग ऐसे हैं जिनके हाथ में पैसा तो आता है। पर ज्यादा देर तक रुक नही पाता। समुद्र शास्त्र में इस परेशानी… Read More »इन चीजों को जेब में रखने से जेब कभी खाली नही होती
श्री “गुरूग्रँथ” साहिब जी – ‘गुरुबाणी’ में परम पिता ‘परमात्मां’ के लिये प्रयोग किये गए 16 “नाम” ? हरी – 50 बार ? राम –… Read More »चिड़ियों से मैं बाज लडाऊं , गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ