आज की दुनिया कलयुग के नाम से जानी जाती है।आज के समय में हर व्यक्ति को अपने काम से मतलब है। बहुत से लाचार, बूड़े, विकलांग, गरीब व्यक्ति आपको दुनिया के हर कोने में मिलेंगे। मगर उनकी मदद करने वाले दुनिया में बहुत कम लोग हैं। मृत्यु के बाद क्या होगा, शास्त्रों में इससे सम्बंधित कई तरह की बातें मिलती हैं। यह सभी जानते हैं कि मरने के बाद हर इंसान अपनी जमा पूंजी अपने साथ नहीं लेकर जाता। वह अपना सब धरती पर ही छोड़ जाता है।मृत्यु के बाद उसे या तो नरक में स्थान मिलता है या स्वर्ग में।
यह तो हम बचपन से ही सुनते आये हैं कि अच्छे कर्म करने वाले स्वर्ग में जाते हैं और बुरे कर्म करने वाले नरक में। स्वर्ग जहां सुख साधनों से भरपूर है, वही नरक कष्ट और यातनाओं से भरा हुआ है। व्यक्ति कई बार जाने अनजाने में ऐसे काम कर देता है, जो उसे नरक तरफ धकेल देते हैं। पुराणों के अनुसार यह भी कहा जाता है कि नरक 36 प्रकार के हैं। जिनमें कर्मों के अनुसार इंसान को यातनाएं भोगनी पड़ती हैं। नरक से हर कोई बचना चाहता है। अगर हम कुछ बातों का ध्यान रखे तो नरक जाने से बच सकते हैं।
1. दुनिया में जन्म लेने के बाद हर व्यक्ति को दुख और सुख का सामना करना पड़ता है। मगर ऐसे बहुत से लोग हैं जो दुखों से बचने के लिए जीवन से हार कर आत्महत्या कर लेते हैं। उनका कष्ट मरने के बाद भी खत्म नहीं होता।ऐसा करने वाला व्यक्ति या तो नरक में जा कर कष्ट पाता है या दुबारा जन्म मिलने के बाद उसे पूर्वजन्म के कर्मों का दुख भोगना पड़ता है। इसलिए आत्महत्या को पाप कहा गया है ।
2.अपने माता पिता को भगवान का स्थान देना चाहिए। परन्तु कुछ लोग अपने माता-पिता का सम्मान ना करके उनसे बुरा व्यवहार करते हैं। ऐसे लोग भी नरक के भागीदार बनते हैं।
3. जो लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं और अपने लालच के लिए स्वार्थी हो जाते हैं और दुसरो को दुःख पहुंचाते हैं उन्हें भी यमराज की तरफ से नर्क में ही जगह मिलती है।
4.कुछ व्यक्ति हंसी-मजाक में या जानबूझकर वेदों का अपमान करते हैं। वेदों का अपमान मतलब ईश्वर का अपमान माना जाता है। जो वेदों के बारे में बुरा-भला कहते हैं उन्हें नरक में बहुत कठोर सजा भुगतनी पड़ती है।
5. गरीब,लाचार, विकलांग व्यक्ति का मजाक उड़ाने वाले लोगों को भी यमराज की अदालत में नरक में जाने की ही सजा मिलती है।
6. जो व्यक्ति धन के लालच में अपनी ईमानदारी छोड़ देते हैं उन्हें भी यमराज की तरफ से नरक में ही जाने का अवसर प्राप्त होता है।
7. कई बार हम अपने मन के अधीन होकर गलत काम करने लग जाते हैं। जैसे- चोरी, किसी को अपने फायदे के लिए धोखा देना या किसी का दिल दुखाना आदि। ये सरे कर्म हमें नरक की ओर ले जाते हैं।
8. कई बार हम दूसरों की निंदा करने में या सुनने में बहुत रूचि लेते हैं जो कि ऐसा कर्म है जिसकी सजा हमें अवश्य मिलती है।
9. हमारे साथ कई बार ऐसा होता है कि हम क्रोध के वश में आकर ऐसे कदम उठा लेते हैं जो कि हमारे बुरे कर्मो को केवल बढ़ाते हैं।
10. कुछ लोग अपने जीभ के स्वाद के लिए माँस-मच्छी का सेवन करते हैं। ये लोग भी नरक के भागीदार बनते हैं।
व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार दुख झेलना ही पड़ता है। लेकिन कुछ गलतियां ना कर के हम नरक में जाने से बच सकते हैं।