मुख्य द्वार से जुड़ी है समृद्घि और खुशहाली के तार

हमें घर बनवाते समय या घर खरीदते समय घर के मुख्य द्वार कि दिशा का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। क्योंकि हमारे घर के मुख्य द्वार की दिशा का प्रभाव हमारे घर कि खुशहाली तथा सुख समृद्घि पर पड़ता है। वास्तु के अनुसार देखा जाए तो यदि घर के मुख्य द्वार की दिशा गलत है तो इसका असर घर पर रहने वाले व्यक्तियों, आर्थिक स्थिति , स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन पर पड़ता है। आईये जानते हैं कि घर के मुख्य द्वार की दिशा क्या होनी चाहिए।

पूर्व दिशा

यदि आप अपने जीवन में उन्नति चाहते हैं तो घर के मुख्य द्वार कि दिशा पूर्व में रखें। पूर्व दिशा सूर्य के प्रभाव में होती है। इसलिए मुख्य द्वार इस दिशा में होने पर घर में रहने वाले लोग ऊर्जावान रहते हैं तथा उनकी सोच सकारात्मक रहती है। इसके प्रभाव से घर के सदस्यों को जीवन में हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। गृहस्थ जीवन सुखमय होता है। सगे-सम्बन्धियों से लाभ मिलता है तथा स्वास्थ्य ठीक रहता है।

उत्तर दिशा

जिन घरों में मुख्य द्वार उत्तर दिशा में होता है। वहां घर का वातावरण आध्यात्मिक रहता है। घर के सदस्य धार्मिक कार्य में रूचि लेते हैं तथा अक्सर इन्हें तीर्थ यात्रा का अवसर मिलता रहता है।

पश्चिम दिशा

यदि घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में हो तो यह उन्नति में बाधक माना जाता है। घर में शनि का प्रभाव रहता है तथा उन्नति के लिए काफी परिश्रम करना पड़ता है।

दक्षिण दिशा

कभी भी घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में न बनवाए। क्योंकि इस दिशा का स्वामी यम को माना गया है। इसके कारण घर के सदस्य अक्सर बीमार रहते हैं और इन्हें दुर्घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है। जिन लोगों के घर का मुख्य दरवाजा दक्षिण दिशा में है उन्हें दोष से बचाव के लिए मूंग की दाल, बकरी, टोपी एवं मिट्टी के बर्तनों का दान करना चाहिए।

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