हनुमान जी श्रीराम जी के सबसे बड़े भक्त हैं। हनुमान जी पवनपुत्र के अलावा भगवान शिव के 11वें अवतार के रूप मेंभी जाने जाते हैं।
हनुमान जी अपने माता-पिता के बड़े लाडले थे अतः मां अंजना और पिता केसरी के जयकारे सेहनुमान अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं।
हनुमानजी बुद्धि और बल के दाता हैं। भगवान राम ने हनुमानजी को प्रज्ञा, धीर, वीर, राजनीति में निपुण आदि विशेषणोंसे संबोधित किया है। हनुमानजी को मनोकामना पूर्ण करने वाला देवता माना जाता है।
हनुमान जी की पूजा हर सप्ताह प्रत्येक मंगलवार को की जाती है। कई भक्तजन अपनी मनोकामना पूरी करने के लिएमंगलवार के दिन हनुमान जी का व्रत भी करते हैं।
इस दिन हनुमानजी की प्रतिमा को सिन्दूर व तेल मिलाकर चोलाअर्पण करें। हनुमान चालीसा या उनके अन्य मंत्रों का जाप करें और तिल के तेल का दीपक जलाएं।
इसके बाद काले चने, गुड़ और नारियल अर्पित करने के बाद अंजनि पुत्र हनुमान के 108 नामों का ध्यान करने से लाभअवश्य मिलता है।
इसके बाद एक थाली में कर्पूर एवं घी का दीपक जलाकर हनुमानजी की आरती करें। इस प्रकारपूजन करने से हनुमानजी अति प्रसन्न होते हैं तथा साधक की हर मनोकामना पूरी करते हैं। सुख, समृध्दि और धन कीभी प्राप्ति होती है।