देवी की आराधना का अर्थ है शक्ति की आराधना और कहते हैं कि शक्ति का रंग है लाल, इसीलिए देवी दुर्गा की आराधना में लाल रंग का बहुत महत्व है। दुर्गा जी की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ होता है।
Shukravar Puja Vidhi
शुक्रवार को सूर्योदय से पहले उठ कर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान आदि करके शुद्ध हो जायें। उसके बाद देवी की पूजा करें।
देवी की पूजा के लिए धूप, दीप नैवेद्य, मौली, फल और फूल एकत्र करें। देवी को लाल फूल अत्यंत प्रिय हैं इसलिए गुड़हल, गुलाब जैसे लाल फूल जरूर रखें। फूल ही नहीं देवी को लाल रंग ही अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए उन्हें लाल वस्त्र और चूनर चढ़ायें और स्वयं भी लाल वस्त्र पहन कर पूजा करें।
पूजा में देवी पर जल चढ़ाकर उन्हें वस्त्र, चूड़ी बिंदी और लाल सिंदूर अर्पित करें फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। इसके बाद दुर्गा जी की आरती करें।
पूजा के दौरान, ‘ॐ श्री दुर्गाय नमः’ मंत्र का जाप करना भी अत्यंत फलदायक रहता है ।
मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से सभी प्रकार की मानसिक, आर्थिक और शारीरिक परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
अगर कोई सच्चे मन से मां दुर्गा की विधिवत पूजा करे तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। मां दुर्गा को ‘दुर्गति नाशिनी’ भी कहा जाता है जो जीवन से दुर्गति का नाश करती हैं। भक्त के जीवन से सारे दुख मां हर लेती हैं। शुक्रवार को दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भी कष्ट दूर होते हैं।
मां दुर्गा संसार के सभी जीव-जंतु व प्राणी से प्यार करती हैं इसलिए पूजा पाठ के अलावा आपको गरीबों को दान करना चाहिए। साथ ही भूखे-प्यासे जानवरों की मदद करने से भी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए आप शुक्रवार के दिन उपवास भी कर सकते हैं।