वीर छत्रपति शिवाजी भारत की शान थे और उनका असली नाम शिवाजी राजे भोसले था तथा शिवाजी पुणे में शिवनेरी किले में 1627 ईस्वी में पैदा हुए थे| शिवाजी के पिता शाहजी भोंसले एवं माता जिजाबाई ने देवी शिवाई का आशीर्वाद मान कर बालक का नाम शिवाजी रखा था| The story of Shivaji Maharaj
शिवाजी महाराज का नाम आते ही मन में सबसे पहले किसी निर्भीक मराठा योधा की क्षवि आती है जिसने गुर्रिल्ला युद्ध को नए आयाम दिया साथ ही साथ मुगलों से भी जमकर लोहा लिया|
शिवाजी में नेतृत्व कौशल के साथ जन्मजात योद्धा वाले सारे गुण थे, शिवाजी को भगवा शासन का प्रस्तावक भी कहा जा सकता है, हालांकि वह अपने दृष्टिकोण में अत्यंत धर्मनिरपेक्ष थे।
शिवाजी के बारे में कुछ ऐसे भी तथ्य हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते है| आइये रूबरू होते हैं उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं से:
शिवाजी की मदद से औरन्जेब ने जीता था बीजापुर
शिवाजी ने मुगलों के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखा। हालांकि, दो राज्यों के बीच का बंधन तब प्रभावित हो गया जब उनके अधिकारीयों ने अहमदनगर और जुन्नर के मुगल साम्राज्य के क्षेत्रों पर छापा मारा था । जवाबी कार्रवाई में मुगलों ने भी शिवाजी के साम्राज्य पर छापा मारा।
वह एक पहाड़ी चूहे के रूप में जाना जाता था
अपने क्षेत्र की अच्छी जानकारी होने की वजह से शिवाजी अक्सर अपनी गुरिल्ला रणनीति के माध्यम से अपने दुश्मनों पर आश्चर्यजनक हमले करते थे यही वजह है कि उन्हें एक पहाड़ी चूहे के रूप में जाना जाता था।
वह अपने सौतेले भाई वेंकोजी के साथ लड़े
वेंकोजी की पत्नी दीपा बाई ने शिवाजी के साथ बातचीत की थी, जब वेंकोजी 1677 के युद्ध में हार गए थे| दोनों के बीच वार्ता विफल रही थी, जिसके बाद शिवाजी ने उसकी अधिकतर संपत्ति पर कब्ज़ा कर कर लिया था और इसी वजह से मध्यस्तता करने के लिए दीपा बाई आगे आई थी।
शिवाजी ने 15 साल की उम्र में रिश्वत देकर किलों का अधिग्रहण किया था
शिवाजी ने इनायत खान जो की एक बीजापुरी कमांडर था और एक आदिलशाही कमांडर को रिश्वत दी थी और उनके पास से क्रमश: तोरना और कोंडना के किले का अधिग्रहण किया।
शिवाजी की बेटी सखुबाई ने एक परिवर्तित हिन्दू से शादी की थी
शिवाजी धर्मनिरपेक्ष राजा था, लेकिन उन्होंने अपने धार्मिक जड़ों से कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा था कि जो लोग हिंदू धर्म को अपनाना चाहते है वो उनकी हर संभव मदद करने को तैयार हैं साथ ही हिन्दू धर्म अपनाने के बाद उन लोगों के साथ भी एक हिन्दू जैसा ही व्यवहार किया जाए|
ऐसे ही एक उदाहरण था जब उनकी बेटी सखुबाई का विवाह उनके दूर के भाई महादजी से करा दी थी, जो मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था तथा बाद में उसने हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया था|