शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है जैसा की हमारे पाठक पहले से ही जानते हैं की शनि देव हर मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं|
जैसे की अगर किसी ने अच्छे कार्य किये हैं तो शनि देव उसका कभी भी अहित नहीं करते और अगर कोई मनुष्य बुरे कर्म करता है तो उसे शनि की कुदृष्टि से कोई नहीं बचा सकता है|
परंतु अगर आपसे भी कोई बुरा काम हो गया है तो शनि देव की साढ़ेसाती और ढैया के कुप्रभाव से बचने का एक रास्ता भी है।
हर शनिवार को पीपल के जड़ों में काला तिल और गुड़ मिश्रित जल चढ़ाना चाहिए साथ ही शनिवार को शनिदेव का भजन सुनने से भी उनकी कृपा बरसती है|