जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता। अपनी क्षमताओं पर भरोसा रख कर किया जाने वाला कोई भी बदलाव छोटा नहीं होता और वो हमारी जिन्दगी में एक नीव का पत्थर भी साबित हो सकता है। आईये जानते हैं कि जीवन में किस प्रकार छोटे छोटे बदलाव भी बहुत मायने रखते हैं।
एक गाँव में एक लड़का रहता था। वह रोज सुबह सैर करने जाता था। रास्ते में हमेशा उसे एक बूढी महिला मिलती थी। वह महिला रोजाना तालाब के किनारे छोटे छोटे कछुवों की पीठ को साफ किया करती थी।
लड़के के मन में रोज यह प्रश्न उठता था कि वह महिला कछुवों की पीठ क्यों साफ करती है। एक दिन जब वह सैर के लिए निकला तो रास्ते में उस महिला को देखकर उसने उत्सुकुता पूर्वक पूछ ही लिया कि मैं आपको हमेशा इन कछुवों की पीठ को साफ करते हुए देखता हूँ। आप ऐसा किस वजह से करते हो?
लड़के का प्रश्न सुनकर उस बूढी महिला ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं इन छोटे छोटे कछुवों की पीठ साफ करते हुए सुख शांति का अनुभव करती हूँ। इनकी पीठ पर जो कवच होता है, उस पर कचरा जमा हो जाने की वजह से इनकी गर्मी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए ये कछुवे तैरने में मुश्किल का सामना करते हैं। कुछ समय बाद तक अगर ऐसा ही रहे तो ये कवच भी कमजोर हो जाते हैं। इसलिए कवच को साफ करती हूँ।
यह सुनकर लड़के ने हैरान होकर पूछा कि कि इन जैसे कितने कछुवे है जो इनसे भी बुरी हालत में हैं। जबकि आप सभी के लिए ये नहीं कर सकते तो उनका क्या होगा और आपके अकेले के बदलने से तो कोई बड़ा बदलाव नहीं आयेगा।
लड़के के इस प्रश्न का महिला ने बहुत ही सुन्दर उत्तर दिया – भले ही मेरे इस कर्म से दुनिया में कोई बड़ा बदलाव नहीं आयेगा। लेकिन सोचो इस एक कछुवे की जिन्दगी में तो अवश्य बदलाव आयेगा। तो क्यों ना हम छोटे बदलाव से ही शुरुआत करें।