भगवद गीता (आत्मसंयमयोग- छठा अध्याय : श्लोक 1 – 47)
अथ षष्ठोऽध्यायः- आत्मसंयमयोग ( कर्मयोग का विषय और योगारूढ़ पुरुष के लक्षण ) श्रीभगवानुवाच अनाश्रितः कर्मफलं कार्यं कर्म करोति यः । स सन्न्यासी च योगी… Read More »भगवद गीता (आत्मसंयमयोग- छठा अध्याय : श्लोक 1 – 47)