कई बार हमारे जीवन में ऐसा समय आता है कि हमें किसी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। अक्सर ऐसे समय में हम अपना धैर्य खो देते हैं। परन्तु हमें चाहिए कि हम धैर्य और विवेक से काम लें। चाणक्य ने भी यह बात कही है कि इंसान का साहस ऐसी चीज है जो हर समस्या को हरा सकता है।
एक जंगल में एक गधा रहता था। वह जंगल काफी हरा भरा होने कारण गधे को अच्छा और भरपेट घास खाने को मिल जाता था। इसलिए वह काफी तंदरूदत भी था। एक दिन गधा जंगल में घास चर रहा था। तभी अचानक वहां एक भेड़िया आ गया। भेड़िये को बहुत भूख लगी हुई थी। इसलिए उस तंदरुस्त गधे को देखकर उसके मुँह में पानी आ गया। भेड़िया गधे के पास गया और कहने लगा कि अब तेरे दिन खत्म हो गए हैं मैं तुझे खाने जा रहा हूँ।
भेड़िये की बात सुनकर गधा घबरा जाता है। परन्तु वह साहस नही छोड़ता है। वह कुछ देर सोचने के बाद बोलता है – आपका स्वागत है श्री मान! मुझे कल ही भगवान ने सपने में आकर कहा था कि कोई दयालु और बुद्धिमान जानवर मेरा शिकार करेगा और मुझे इस दुनिया से मुक्ति मिल जाएगी। मुझे लगता है कि मेरा सपना सच हो गया है और आप ही वह बुद्धिमान जानवर हैं जो मुझे इस संसार से मुक्ति दिलवाएंगे।
यह सुनकर भेड़िया बहुत प्रसन्न होता है। गधा भेड़िये को कहता है कि मुझे मारने से पहले मेरी एक आखिरी इच्छा पूरी कर दीजिये। भेड़िया अपनी तारीफ सुनकर पहले ही खुश था इसलिए वह गधे की आखिरी इच्छा पूरी करने की लिए मान गया।
गधे ने कहा कि मेरे पैर में एक छोटा सा पत्थर फंस गया है। क्या आप उसे निकाल देंगे? भेड़िये ने हाँ में अपनी गर्दन हिलायी और जैसे ही वह गधे के पैर के पास पत्थर निकालने के लिए पहुंचा तो गधे ने भेड़िये के मुँह पर बहुत जोर से लात दे मारी। जिससे भेड़िया बहुत दूर जाकर गिर गया और गधा वहां से अपनी जान बचा कर भाग गया।
आप चाहें तो भेड़िये जैसी परेशानियों से हार भी मान सकते हैं या गधे की तरह साहस दिखाकर उन्हें हरा भी सकते हैं।