देवी माँ को प्रसन्न करने के लिए हम अनेक उपाय करते हैं| जैसे देवी माँ को फल और फूल चढ़ाना या मिठाई का भोग लगाना और सिंदूर चढ़ाना| यह सब प्रयत्न करने से देवी माँ अपने भक्तों से प्रसन्न होती हैं और उन पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं| परन्तु क्या आप जानते हैं कि वाराणसी के घाट पर स्थित देवी मां के मंदिर में भक्त मां को ताला और चाभी चढ़ा कर प्रसन्न करते हैं|
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर बंदी देवी का मंदिर स्थित है| इस मंदिर को लेकर भक्तों की गहरी आस्था है| यहां पूरे साल दूर – दूर से लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं| इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी यहां अपनी मुरादें लेकर आता है, मां झट से उसे पूरी कर देती हैं| लोगों का मानना है कि यहां ताले-चाभी चढ़ाने से देवी माँ प्रसन्न हो कर अपने भक्तों की झोली खुशियों से भर देती हैं और उन पर हर तरह से अपनी कृपा बनाए रखती हैं|
बंदी देवी को पाताल की देवी कहा जाता है| बंदी देवी ने भगवान विष्णु की आज्ञा से यहां वास किया था| कहते हैं कि जब अहिरावण ने भगवान श्री राम और लक्ष्मण जी का अपहरण किया था तब बंदी देवी की सहायता से ही उन्हें अहिरावण की कैद से मुक्ति मिली थी| जिसके कारण मंदिर को बंदी देवी मंदिर कहा जाता है| माना जाता है कि जिनका कोर्ट में केस चल रहा हो, वो यहां आकर अगर मां को चढ़ावा चढ़ाते हैं, तो उन्हें केस में जीत हासिल होती है|