क्या आप जानते हैं की किसी भी व्यक्ति का नाम कैसे रखा जाता है मान लेते हैं की किसी का नाम सुरेश ही क्यों रखा गया रमेश क्यों नही? दरअसल नाम के पीछे राशि का बहुत बड़ा हाथ है जी हाँ नाम का पहला अक्षर ही किसी मनुष्य की राशि निर्धारित करता है| हमारे पूर्वजों ने अनुसार जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में होता है उसी राशि के अनुसार उसके नाम का पहला अक्षर निर्धारित किया जाता है| नाम के पहले अक्षर के द्वारा हम व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं जैसे की उस व्यक्ति का स्वभाव कैसा होगा और उसके भविष्य में क्या क्या घटनाएं होने वाली हैं|
आज हम बताने जा रहे हैं राशियों में सबसे पहले राशि मेष के बारे में मेष राशि के जातकों के नाम क्रमशः चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ इन अक्षरों पर रखा जाता है| इस राशि का चिन्ह मेंढा है और राशि का स्वामी मंगल होता है और मंगल के राशि के स्वामी होने की वजह से मेष राशि के जातकों के लिए मंगलवार का दिन बड़ा ही शुभ होता है और माना जाता है की मेष राशि के जातक अगर मंगलवार को कोई भी कार्य शुरू करते हैं तो उन्हें निश्चित रूप से सफलता मिलती है|
मेष राशी के जातक चंचल स्वभाव के होते है और मेढ़ा उनके जूझारू स्वभाव को भी दर्शाता है| इस राशि के लोग दिखने में आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं ये किसी के दवाब में कार्य करना पसंद नहीं करते साथ ही साफ़ सुथरे चरित्र के और आदर्शवादी होते हैं| इस राशि के जातक बहुमुखी प्रतिभा के स्वामी होते हैं और इस प्रतिभा की वजह से मान सम्मान प्राप्त करते है| साथ ही समाज में इनका वर्चस्व होता है और ये कोई भी निर्णय बड़ी जल्दी ले लेते हैं इतना ही नहीं ये जिस कार्य को हाथ में लेते है उसे पूरा किये बिना पीछे नहीं हटते|
कम बोलना, हठी, अभिमानी, क्रोधी, प्रेम संबंधों से दु:खी, बुरे कर्मों से बचने वाले, नौकरों एवं महिलाओं से त्रस्त, कर्मठ, प्रतिभाशाली, यांत्रिक कार्यों में सफल होते हैं। एक ही कार्य को बार-बार करना इस राशि के लोगों को पसंद नहीं होता। एक ही जगह ज्यादा दिनों तक रहना भी अच्छा नहीं लगता। नेतृत्व छमता अधिक होती है। अपनी मर्जी के अनुसार ही दूसरों को चलाना चाहते हैं। इससे आपके कई दुश्मन खड़े हो जाते हैं। जैसा खुद का स्वभाव है, वैसी ही अपेक्षा दूसरों से करते हैं। इस कारण कई बार धोखा भी खाते हैं। इस राशि के जातक अपमान कभी नहीं भूलते और सही वक़्त आने पर बदला लेने से भी नहीं चूकते इन्हें क्रोध जल्दी आता है और ये स्वयं को ही सर्वोपरी समझते हैं|इनके अन्दर कलात्मक क्षमता होती है साथ ही ये बड़े जिद्दी स्वभाव के भी होते हैं|