प्रभु श्री कृष्णा को कौन नहीं जानता। कृष्ण भगवन तो सभी के प्रिय हैं। पर उनके जीवन की कई ऐसी बातें और घटनाएं हैं जिनके बारे में लोगों को कुछ नहीं मालूम। उनकी में से निम्लिखित कुछ ऐसी दंग कर देनी वाली बातें हैं जो आपके होश उड़ा देंगी।
- कंस ने देवकी के जिन 6 पुत्रों का वध किया था | वो पिछले जन्म मे कालनेमि के पुत्र थे जिसका वध भगवान् विष्णु ने किया था | कंस उसी कालनेमि का पुनर्जन्म था | कालनेमि के पुत्रों को हिरन्यकश्यप ने श्राप दिया था की वो अपने ही पिता के हाथों मारे जायेंगे | इसी वजह से कंस ने उनका वध किया था |
- कृष्णा और राधा के बारे में अभी जानते हैं परन्तु राधा का उल्लेख किसी भी हिन्दू ग्रन्थ में नहीं है | न तो महाभारत में है न ही भगवत गीता ने कहीं उनके बारे में लिखा गया है |
- भगवद गीता सर्वप्रथम केवल अर्जुन ने ही नहीं सुनी थी बल्कि संजय और हनुमान ने भी सुनी थी |
- एकलव्य कृष्णा का चचेरा भाई था | वह देवश्रवा का पुत्र था जो की वसुदेव् के भाई थे | गुरु द्रोणाचार्य द्वारा गुरुदक्षिणा में अंगूठा मांगे जाने वाले किस्से के बारे में सभी ने कभी न कभी जरुर सुना होगा | उसके बाद कृष्णा ने एकलव्य को वरदान दिया था की द्रोणाचार्य की मृत्यु उसी के हाथों होगी | दृष्टदयुम्न एकलव्य का दूसरा जन्म था और वरदान के अनुसार अपना बदला लेते हुए उसके हाथों ही द्रोणाचार्य की मृत्यु हुई थी |
- कुरुक्षेत्र के युद्ध में गांधारी के सभी 100 पुत्र मारे गए थे | जब कृष्णा उन्हें सांत्वना देने पहुंचे तो गांधारी ने क्रोध में आकर उन्हें श्राप दिया की अगले 36 वर्षों में उनके साथ साथ संपूर्ण यदुवंश का नाश हो जाएगा | कृष्णा देख रहे थे की यदुवंश स्वतः ही धीरे धीरे पतन की ओर अग्रसर हो रहा था अतः उन्होंने गांधारी की घोषणा के पूर्ण होते ही तथास्तु का वरदान दे दिया |
- पांडवों की माता कुंती असल में भगवान् कृष्णा के पिता वासुदेव की बहन थी | इसी नाते वो कृष्णा की बुआ हुई |
- गांधारी ने कृष्णा को श्राप दिया था की उनका और उनके समस्त वंश का 36 वर्षों में नाश हो जाएगा परन्तु शायद ही आपको ज्ञात हो की दूसरी बार ऋषि दुर्वासा ने भी उन्हें श्राप दिया था की उनकी मृत्यु उनके तलवे से ही होगी | दरअसल एक बार ऋषि दुर्वासा ने कृष्ण को सारे शारीर पर खीर का लेप लगाने को कहा कृष्ण ने उनकी आज्ञानुसार तलवों को छोड़ कर समस्त शारीर पर खीर का लेप लगा दिया क्योंकि उस समय उनके तलवे जमीन पर थे | इसी से क्रोधित हो कर ऋषि दुर्वासा ने उन्हें श्राप दे दिया था |
- कृष्ण की मृत्यु जरा नामक एक शिकारी के बाण से हुई थी जब उसके द्वारा चलाया हुआ तीर गलती से कृष्ण के तलवे में जा लगा था | ये देखकर उसने कृष्ण से माफ़ी मांगी तो कृष्ण ने बताया की ये उनके कर्मों का फल है | पिछले जन्म में उन्होंने राम के रूप में बाली पर पेड़ की ओट से बाण चलाया था | जरा दरअसल बाली का पुनर्जन्म था | जरा का जन्म ही कृष्ण से बदला लेने के लिए हुआ था |
- अपने गुरु संदिपानी के मृत पुत्र को जीवित कर गुरुदक्षिणा दी थी |
- भगवान् कृष्ण की 16108 पत्नियाँ थी जिनमें 8 प्रमुख थी | रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, नाग्नजिती, कालिंदी, मित्रविन्दा, भद्रा, लक्ष्मणा इन्हें अस्टभार्य के नाम से भी जाना जाता है | इनमें प्रत्येक से कृष्ण के 10 पुत्र थे | कृष्ण ने नार्कासुर नामक दैत्य के पास से 16100 स्त्रियों को छुड़ाया था जिन्हें उसने जबरन अपने महल में बंदी बना रखा था | चूँकि वो सभी कृष्ण के साथ वापस लौटी थी किसी के परिवार ने उन्हें स्वीकार नहीं किया था | अतः उन सभी की लाज की रक्षा करने के लिए कृष्ण ने उनसे विवाह कर लिया था | कहा जाता है की कृष्ण के कभी उनके साथ सम्बन्ध नहीं रहे |