देवी लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है| शास्त्रों में बताया गया है कि धन की देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं| लक्ष्मी जी का प्रतीक चिन्ह अक्षय कलश है| यह कलश उनके हाथों में हमेशा होता है| इस कलश द्वारा लक्ष्मी जी धन की वर्षा करती रहती हैं|
उल्लू को लक्ष्मी जी का वाहन माना जाता है| परन्तु कुछ मान्यताओं के अनुसार यह उनकी बहन अलक्ष्मी का प्रतीक है|आइए जानते हैं लक्ष्मी जी की ऐसी ही कुछ और बातों के बारे में|
बहुत कम लोग जानते हैं कि देवी लक्ष्मी का एक नाम कमला भी है| इन्हें कमला कहने का कारण यह है कि देवी लक्ष्मी कमल के आसन पर विराजमान होती हैं और अपने हाथों में कमल का फूल भी रखती हैं|
माना जाता ही कि लक्ष्मी जी का जन्म सागर से हुआ है| जल क्षेत्र से उत्पन्न होने के कारण इनका प्रिय फूल भी वही है जो जल से उत्पन्न हुआ है| दूसरा कारण यह है कि कमल जल से पैदा होने के बाद भी उनमें लिप्त नहीं होता यह जल के ऊपर निर्विकार रहता है|
आपने देखा होगा कि लक्ष्मी जी के स्वरुप में हाथियों को भी दिखाया जाता है| वास्तव में गज को लक्ष्मी जी का स्वरुप माना जाता है| देवी लक्ष्मी के साथ हाथी का होना जल और जीवन को दर्शाता है|
देवी लक्ष्मी का जन्म जल से हुआ तथा जल ही कृषि और जीवन का आधार है और हाथी वर्षा का प्रतीक माना जाता है| इसलिए देवी लक्ष्मी पर जल बरसाता हुआ हाथी अन्न धन और समृद्धि को दर्शाता है| यह दर्शाता है कि हाथी लक्ष्मी को समृद्ध बना रहा है| क्योंकि प्राकृतिक रूप से लक्ष्मी कृषि का स्वरूप मानी जाती हैं जबकि सांसारिक तौर पर यह समृद्धि की प्रतीक हैं| लक्ष्मी के इस स्वरूप की पूजा किसानों के लिए समृद्धि दायक मानी गयी है।
हम में से ज्यादातर लोग केवल यही जानते हैं कि देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू है| परन्तु क्या आप जानते हैं कि हाथी भी लक्ष्मी जी का वाहन है| हाथी को गणेश जी का भी स्वरूप माना जाता है जो शुभता को दर्शाता है यानी जहां शुभ कर्म होंगे वहां लाभ भी होगा और लक्ष्मी जी भी होंगी| इसलिए लक्ष्मी जी के साथ हाथी दर्शाता है कि जहां शुभ कर्म होंगे वहां लक्ष्मी भी अवश्य होंगी|
देवी लक्ष्मी की बड़ी बहन को अलक्ष्मी के नाम से जाना जाता है| यह हमेशा लक्ष्मी जी के साथ रहती हैं| इसलिए जहां सिर्फ लक्ष्मी का वास होता है वहां धन तो होता है लेकिन सुख शांति नहीं होती है|
इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है कि जब भी लक्ष्मी जी की पूजा करें तो साथ में विष्णु जी की पूजा भी अवश्य करें| क्योंकि यदि विष्णु जी लक्ष्मी जी के साथ हैं तो अलक्ष्मी का वास नहीं होगा| विष्णु जी बौद्धिक योग्यता और धैर्य के प्रतीक हैं अर्थात धन आने पर धैर्य और बुद्धि नहीं खोना चाहिए|