कहते हैं वास्तु विज्ञान के अनुसार चलने से घर में किसी प्रकार का दोष नही आता। अगर हमारे घर का वास्तु अनुकूल है तो घर में सकारात्मक उर्जा का संचार रहेगा और यदि वास्तु में किसी प्रकार का दोष आता है तो नकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता है। जिस कारण स्वास्थ्य की हानि के साथ साथ आर्थिक परेशानी का भी सामना करना पड़ता है।
माना जाता है कि गणेश जी की मूर्ति को घर में रखने से धन और शुभ लाभ का आगमन होता है। कुछ लोग गणेश जी का मुख बाहर की ओर रखते हैं। परन्तु वास्तु के अनुसार गणेश जी का मुख हमेशा घर के अंदर की ओर होना चाहिए और पीठ बाहर की ओर। यदि गणेश जी का मुख बाहर की ओर होगा तो लाभ बढ़ने की बजाय कम हो सकता है।
घर में दक्षिण या पश्चिम दिशा में कभी मटका, नल या दूसरे जल स्रोत न रखें। इससे धन आगमन में बाधा आती है और खर्च भी बढ़ने लगता है। जल स्रोत हमेशा उत्तर दिशा में रखें। क्योंकि वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा कुबेर की होती है जो धन वृद्घि कारक है। इस बात का ध्यान भी अवश्य रखें कि जल स्रोतों से जल का रिसाव नहीं होना चाहिए। पानी का टपकते रहना आर्थिक नुकसान का कारण होता है।
घर कि छत हमेशा साफ रखनी चाहिए। हम लोग अक्सर घर का फालतू सामन छत पर रख देते हैं। परन्तु वास्तु के अनुसार ऐसा करने से घर का स्वामी तनाव और आर्थिक परेशानियों में रहता है। वास्तु विज्ञान के अनुसार छत के ऊपर कभी भी मटका और बर्तन उलटा करके नहीं रखना चाहिए।
घर की जिस अलमारी में आप धन रखते हैं उसे पश्चिम की दीवार से लगाकर रखें। ऐसा करने से अलमारी या तिजोरी का मुंह पूर्व दिशा की ओर खुलेगा और देवराज की कृपा दृष्टि आप पर बनी रहेगी। कभी भी अलमारी को उत्तर कि दीवार के साथ लगाकर ना रखें। क्योंकि ऐसा करने से सका मुंह दक्षिण दिशा में खुलता है जो नुकसानदेय होता है।