ज्वालामुखी मंदिर को जोता वाली का मंदिर और नगरकोट भी कहा जाता है। यह हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा से 30 किलो मीटर दूर स्थित है। इसकी गिनती माता के प्रमुख शक्ति पीठों में होती है।
मान्यता है यहाँ देवी सती की जीभ गिरी थी। ज्वालामुखी मंदिर को खोजने का श्रेय पांडवो को जाता है। इस मंदिर में किसी मूर्ति की पूजा नही की जाती बल्कि यहां पृथ्वी के गर्भ से निकल रही नौ ज्वालाओं की पूजा होती है।
यहाँ पर पृथ्वी के गर्भ से नौ अलग-अलग जगह से ज्वाला निकल रही है जिसके ऊपर ही मंदिर बना दिया गया हैं। इन नौ ज्योतियां को महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विंध्यावासनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका, अंजीदेवी के नाम से जाना जाता है।