इंसान एक ऐसा जीव है जिसने समुद्र का सीना चीर कर उसपर पुल बनाया पहाड़ों को चीर कर रास्ता बनाया पर क्या आपने कभी सोचा है की ये असम्भव से लगने वाले कार्य कैसे सम्भव हुए। इसका एक ही उत्तर है लगन और विश्वास आप सोच रहे होंगे की यह तो बचकानी बातें हैं।
तो आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही अनोखी घटनाओं के बारे में जब इंसानों ने असम्भव से लगने वाले कार्यों को अपने और प्रभु के ऊपर विश्वास के बल पर सम्भव कर दिखाया।
बात सन 1971 की है बांग्लादेश के अलग होने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ था और भारत को इस विभाजन का दोषी मानता था। और इस विभाजन का बदला लेने की नियत से पाकिस्तान ने भारत पर चोरी से आक्रमण करने की योजना बनायी। इसी योजना के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने लोंगेवाला पोस्ट को चुना।
उन्होंने सोचा कि लोंगेवाला पोस्ट जहाँ सिर्फ़ नब्बे सैनिकों की टोली उस पोस्ट की सुरक्षा कर रही थी वहाँ से वो अपनी विशाल सेना और टैंक की मदद से आसानी से घुसपैठ करने में कामयाब हो जाएँगे। उस समय लोंगेवाला पोस्ट की कमान भारत माता के सपूत लेफ़्टिनेंट धर्मवीर के हाथों में थी।
जब लेफ़्टिनेंट को पता चला की पाकिस्तानी सेना अपने दो हज़ार सैनिकों और टेंकों की टोली के साथ लोंगेवाला पोस्ट की ओर बढ़ रही है। तब उन्होंने अपने जवानों को इकट्ठा किया और कहा कि हम गिनती में भले ही कम हो पर हमें पूरा विश्वास है कि हम अपने जीते जी उन्हें अपनी पोस्ट पर क़ब्ज़ा नहीं करने देंगे।
और उनके इसी विश्वास का नतीजा था कि पाकिस्तानी सेना को पराजय का मुँह देखना पड़ा था| लेफ्टिनेंट धर्मवीर ने अपने जवानो से साफ़ शब्दों में कहा की जिसमे भी विश्वास की कमी हो वह अभी इस पोस्ट को छोड़ कर चला जाए| क्यूंकि अगर जंग शुरू हो गयी और किसी ने भी दुश्मन को पीठ दिखाने की कोशिश की या ऐसा सोचा भी तो उसे सबसे पहले मैं गोली मारूंगा|
साथ ही उन्होंने यह भी कहा की रब न करे अगर मेरे कदम डगमगाए तो बेहिचक मुझे गोली मार देना पर मुझे खुद पर और अपने जवानों पर पूरा भरोसा है की हम अपने जीते जी दुश्मनो को अपनी धरती पर पाँव भी नहीं रखने देंगे|
भारत माता के उन 90 वीर सपूतों ने जैसा ठाना वैसा कर दिखाया और ना सिर्फ पाकिस्तानी सेना को अपनी पोस्ट से खदेड़ा बल्कि पाकिस्तान के सीमा में भी 8 किलोमीटर अंदर तक भगा दिया और सन 1971 की जंग में यह स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हुआ| यह घटना बताती है की विश्वास में कितनी शक्ति है|