कर्क वैसे तो राशियों में चौथे स्थान पर आती है और इस राशि का प्रतिक केकड़ा है और कर्क राशि के स्वामी चन्द्रमा है| और चन्द्रमा के अधीनस्थ होने की वजह से पुनर्वसु नक्षत्र का अन्तिम चरण, पुष्य नक्षत्र के चारों चरण तथा अश्लेषा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं। इस राशि के लोगों का नाम क्रमशः ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो अक्षरों से शुरू होता है| इस राशि के जातक जहाँ भी कार्य करते हैं वहां परेशानी का सामना करना पड़ता है|
कर्क राशि के लोग कल्पनाशील होते हैं। शनि-सूर्य जातक को मानसिक रूप से अस्थिर बनाते हैं और जातक में अहम की भावना बढ़ाते हैं। इस राशि का जातक श्रेष्ठ बुद्धि वाला, जल मार्ग से यात्रा पसंद करने वाला, कामुक, कृतज्ञ, ज्योतिषी, सुगंधित पदार्थों का सेवी और भोगी होता है। इनमे मातृभक्ति की भावना कूट कूट कर भरी होती है इनमे माता के प्रति विशेष प्रेम और लगाव होता है|
कर्क यानी की केकड़ा जब किसी भी वस्तु या जीव को अपने पंजों को जकड़ लेता है तो उसे आसानी से नहीं छोड़ता है उसकी पकड़ बड़ी मजबूत होती है। ठीक उसी प्रकार कर्क राशि के जातकों में अपने लोगों तथा विचारों से चिपके रहने की प्रबल भावना होती है| एक बार जो विचार इनके मन में घर कर जाता है ये उसे ही सही मानते हैं और बाकी सभी की बात और विचार सिरे से नकार देते हैं|
उनका मूड बदलते देर नहीं लगती है तथा कल्पना की शक्ति और स्मरण की शक्ति बहुत तीव्र होती है ये बड़े ही कल्पनाशील प्रकृति के होते हैं और अपनी कल्पनाओं को साकार करने की क्षमता रखते हैं| राशी में सूर्य और शनि की उपस्थिति कर्क राशि वालों को मानसिक रूप से अस्थिर बनाते हैं और उनमें अहम की भावना बढ़ाते हैं और इसकी वजह से उन्में ग्रहणशील, एकाग्रता और धैर्य के गुण पाए जाते है|
शुक्र से कर्क राशि वालों को सजाने संवारने की कला प्राप्त होती है और शनि की उपस्थिति के कारण अधिक आकर्षक बन जाता है| उनके लिए अतीत का महत्व बहुत ज्यादा होता है। ये पक्के मित्र होते हैं और जीवन भर दोस्ती निभाना जानते हैं ये अपने मन के मालिक होते हैं और सदा अपनी ही चलाते हैं|
ये सपना देखने वाले होते हैं, परिश्रमी, उद्यमी और लगन के पक्के स्वभाव के होते हैं कर्क के कालपुरुष की वक्षस्थल और पेट का प्रतिधिनित्व करने की वजह से जातकों को अपने भोजन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस राशि के जातक प्राय: बाल अवस्था में दुर्बल होते हैं, परन्तु आयु के साथ साथ उनके शरीर का विकास होता जाता है|
इस राशि के जातक अगर चाहें तो उपदेशक बन सकते है। कर्क राशि वालों में बुध के प्रभाव से गणित की समझ और शनि के कारण लिखने की कुशलता होती हैं। कम्प्यूटर आदि के प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में जातक को अद्वितीय सफलता मिलती है। शनि और बुध के संगम की वजह से जातक को होशियार बना देते हैं और बहुत ही कुशाग्र बुद्धि के स्वामी होते हैं।
शनि और शुक्र का मेल जातक को धन और जायदाद देता हैं और ये अपनी साड़ी जिन्दगी बड़े ही ऐशो आराम में गुजारते हैं। इस राशि वालों के लिए शुभ दिन सोमवार एवं गुरुवार, शुभ रंग नारंगी तथा सफेद, शुभ रत्न मोती, चंद्रमा स्टोन या रुबी और शुभ अंक 2, 7, 11, 16, 20, 25 होता है|