मुद्रा माटी हो गई, मोदी भए कुम्हार।
नेता मिलि के रो रहे, ऐसा हुआ प्रहार।।दीदी गुर्राए यहाँ, वहाँ बहन जी रोय।
उधर केजरी दंग है; क्यों हमको मोदी धोय।।दीदी जीजा धुल गए, धरे रह गए ठाठ।
मोदी ऐसा धो रहा, खड़ी हो गई खाट।।नए नोट कब मिल सकैं, जोह रहे सब बाट।
भौतन को चिंता लग रही, कैसे होंगे अब ठाठ!सीट बेंचि के पाये थे, रुपैया कछु करोड़।
क्षण भर में माटी भये, दिया हौसला तोड़।।माया की माया गई , दिये मुलायम रोय।
इह झटके का अब यहाँ इलाज न होगा कोय।।रहिमन रद्दी हो गई, बड़ी करेन्सी नोट।
यूपी औ पंजाब में कइसे मिलिही वोट।।रहिमन आँखन ना दिखे, भीतर लागी चोट।
रहि रहि गारी दे रहे ,कह मोदी को खोट।।