श्री कृष्ण को हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु जी का अवतार माना जाता है। वैसे तो भगवान विष्णु ने धरती पर 24 अवतार लिए है लेकिन श्री राम और श्री कृष्ण के अवतार सब से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से श्री कृष्ण का अवतार बाईसवाँ था। श्री कृष्ण ने बाल अवस्था से ही अन्याय तथा अत्याचार का विरोध किया है। श्री कृष्ण की गाथाएं काफी प्रेरणादायक और रोचक हैं।
आइए जानते हैं श्री कृष्ण के बारे में कुछ अनोखे सत्य
- श्री कृष्ण के कुल 108 नाम हैं। जिन में से गोपाल, गोविन्द, मोहन, हरी, बांके बिहारी, श्याम ज्यादा लोकप्रिय हैं।
- श्री कृष्ण का वास्तविक रंग नीला नही बल्कि सांवला था।
- श्री कृष्ण और राधा की रासलीला के बारे में सब जानते हैं| यह पूरे जगत में प्रसिद्ध भी है। लेकिन फिर भी राधा का वर्णन किसी भी धार्मिक ग्रन्थ जैसे महाभारत तथा गीता में नही है।
- ऐसा माना जाता है कि राधा को श्री कृष्ण की बांसुरी से जलन होती थी।
- श्री कृष्ण की पत्नि रुकमणी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।
- द्रोपदी तथा श्री कृष्ण घनिष्ठ मित्र थे।
- श्री कृष्ण ने द्वारिका नगरी का निर्माण किया परन्तु वे कभी भी वहां ज्यादा माह नही रुके।
- पुराणों के अनुसार श्री कृष्ण की दूसरी माता रोहिणी व उनकी परदादी नाग जनजाति की थी।
- पुराणों के अनुसार श्री कृष्ण की आयु 125 वर्ष बताई गयी है जबकि ज्योतिषों के मतानुसार उनकी आयु 110 वर्ष थी।
- ऐसा माना जाता है कि मार्शल आर्ट्स का विकास श्री कृष्ण ने बृज के वनों में किया था। जिसका नृत्य रूप डांडिया रास कहलाता है।
- श्री कृष्ण के 80 पुत्र थे।
- सब से पहले कर्ण को उनके जन्म का सत्य श्री कृष्ण ने बताया था।
- श्री कृष्ण की नारायणी सेना भारत की सबसे भयंकर प्रहारक सेना मानी जाती है।
- श्री कृष्ण के रथ का नाम जैत्र था तथा उनके सारथी का नाम दारुक/बाहुक था। उनके रथ में प्रयोग आने वाले अश्वो का नाम शैव्य, सुग्रीव, मेघपुष्प, तथा बलाहक था।
- श्री कृष्ण के अत्याद्धिक शक्तिशाली अस्त्र का नाम सुदर्शन चक्र था जिसकी बराबरी केवल दो अस्त्र कर सकते थे। पहला अस्त्र-पाशुपतास्त्र अस्त्र जो कि अर्जुन, भगवान कृष्ण तथा भगवान शिव के पास थे और दूसरा अस्त्र-पाशुपतास्त्र अस्त्र जो कि भगवान कृष्ण, भगवान शिव तथा भीष्म के पास थे।
- 16 . केवल कुछ ही लोगो को पता है कि श्री कृष्ण का सबसे भयंकर युद्ध अर्जुन के साथ हुआ था। इस युद्ध में दोनों ने अपने सबसे शक्तिशाली अस्त्रो सुदर्शन चक्र तथा पाशुपतास्त्र का प्रयोग किया था। दोनों अस्त्र सृष्टि में प्रलय लाने के लिए पर्याप्त थे। लेकिन अंत में देवी देवतायों ने दोनों में युद्ध बंद करवाने के लिए संधि करवाई थी।
- वैसे तो श्री कृष्ण ने काफी युद्धों का संचालन किया था परन्तु सबसे इनमे से सबसे भयंकर थे- महाभारत, जरासंध व कालयवन का वध तथा नरकासुर के विरुद्ध युध।
- बहुत कम लोग जानते हैं कि पांडव श्री कृष्ण के मातृ रिश्तेदार थे।
- एक दिन श्री कृष्ण वन में पीपल के वृक्ष के नीचे योगनिद्रा में लेटे थे, तभी एक शिकारी ने श्री कृष्ण को हिरण समझ कर बाण चला दिया और वह बाण श्री कृष्ण के पैर के तलुवे में जाकर लगा और उन्होंने इसी बाण के विष को बहाना बनाकर देह त्याग दी।
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