मथुरा का नाम आते ही जहन में भगवान् कृष्ण के जन्म स्थान का ख़याल आता है लेकिन हम ये क्यों भूल जाते हैं की मथुरा भगवान् कृष्ण के मामा महाराज कंस की भी जन्म भूमि थी| यमुना के तट पर बसा मथुरा भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है साथ ही मथुरा जितनी अपनी पवित्रता के लिए जानी जाती है उतना ही वहां के स्मारकों के लिए भी प्रसिद्ध है|
मथुरा में कई ऐसे स्मारक भी हैं जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं| मथुरा में सबसे ज्यादा लोग भगवान् कृष्ण के मामा महाराज कंस के किले को देखने के लिए आते हैं|
कंस का किला आज यूँ तो जर्जर अवस्था में है परन्तु आज भी उस खंडहर को देख कर ये आभास हो जाता है की प्राचीन काल में ये इमारत कितनी भव्य होगी| कंस से किले का निर्माण जयपुर के महाराजा मान सिंह द्वारा यमुना नदी के तट पर करवाया गया था|
मथुरा वैसे तो कई चीज़ों के लिए प्रसिद्द है परन्तु उन सभी में कंस का किला एक विशेष स्थान रखता है|
कंस का किला तो मथुरा में बड़ा ही चर्चित स्थान है कंस जो की श्री कृष्ण के मामा थे और मथुरा के शाशक थे| कंस बड़ा ही क्रूर और निर्दयी शाशक था और भगवान् श्री कृष्ण ने उसका वध किया था साथ की कंस ने अपनी बहन देवकी के आठ संतानों को जन्म लेते ही मार दिया था|
वहीँ पास में ही देखने योग्य एक और जगह भी है जो आमेर के महाराज सवाई जय सिंह द्वारा निर्मित वेधशाला है| सवाई जय सिंह एक जाने माने खगोलविद भी थे और इस वेधशाळा का निर्माण किया था|
कंस की क्रूरता के कई किस्से मशहुर है जिनमे से सबसे चर्चित किस्सा वो है जब भगवान् श्री कृष्ण के जन्म लेने के बाद चमत्कारिक रूप से कंस के कारागार से नन्द जी के घर गोकुल पहुँच गए थे| तब महाराज कंस ने क्रोध के मारे अपने राज्य में जन्मे सभी नवजात शिशुओं के वध का आदेश दे दिया था|
बाद में भी कंस ने भगवान् कृष्ण को मारने के लिए कई प्रयत्न किया जैसे कई राक्षसों और राक्षसियों को भी भेजा परन्तु हर बार विफल हुआ| कंस अपने पूरे जीवन काल में भगवान् कृष्ण की हत्या करने का प्रयास करता रहा और अंततः आकाशवाणी के अनुसार भगवान् कृष्ण के हाथों ही मृत्यु को प्राप्त हुआ|
और आज के समय में भी मथुरा में स्थित कंस का किला लोगों के कौतुहल का केंद्र है जो भी मथुरा आता है वो कंस का किला अवश्य देखता है| अगर आप भी कभी मथुरा जाएँ तो कंस का किला और महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा निर्मित वेधशाला अवश्य जाएँ|