हिन्दू धर्म के ग्रंथों में अनेक श्रापों का वर्णन हुआ है| आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही चर्चित श्रापों के बारे में:-
1. गांधारी का श्रीकृष्ण को श्राप
महाभारत के युद्ध के बाद जब भगवान श्री कृष्ण गांधारी से मिलने पहुंचे तो अपने पुत्रों का विनाश देखकर गांधारी ने श्रीकृष्ण को श्राप दिया कि जिस प्रकार पांडव और कौरव आपसी फूट के कारण नष्ट हुए हैं, उसी प्रकार आज से छत्तीसवें वर्ष तुम भी अपने बंधु-बांधवों का वध करोगे। गांधारी के श्राप के कारण ही भगवान श्रीकृष्ण के परिवार का अंत हुआ।
2. युधिष्ठिर का स्त्री जाति को श्राप
महाभारत में युद्ध के बाद जब माता कुंती ने पांडवों को कर्ण के जन्म के रहस्य के बारे में बताया तब युधिष्ठिर ने शोक में आकर पूरी स्त्री जाति को श्राप दिया कि वे कोई भी बात छुपा नहीं पाएंगी|
3. माण्डव्य ऋषि का यमराज को श्राप
महाभारत काल में एक राजा ने माण्डव्य नाम के ऋषि को भूल से चोर मानकर सूली पर चढ़वा दिया| सूली पर चढ़ाने पर जब उनके प्राण नहीं गए तब राजा ने उनसे क्षमा मांगी| फिर ऋषि ने यमराज के पास जाकर प्रश्न किया कि उन्हें किस बात की सज़ा मिली? तब यमराज ने उन्हें कहा कि जब आप 12 वर्ष के थे, तब आपने एक फतींगे की पूंछ में सींक चुभाई थी, उसी के फलस्वरूप आपको यह कष्ट सहना पड़ा।
यह बात सुन कर ऋषि को क्रोध आया कि 12 वर्ष की आयु में किसी को भी धर्म-अधर्म का ज्ञान नहीं होता| ऋषि ने क्रोधित होकर यमराज को श्राप दिया कि उन्हें शुद्र योनि में एक दासी पुत्र के रूप में जन्म लेना पड़ेगा। इसी श्राप के कारण यमराज ने महात्मा विदुर के रूप में जन्म लिया।
4. रावण को नंदी का श्राप
रामायण काल में एक बार रावण कैलाश भगवन शिव से मिलने गया, वहां नंदी को देख रावण हसने लगा तभी नंदी ने रावण को श्राप दिया कि बंदरो के कारण ही उसका सर्वनाश होगा|
5. उर्वशी ने दिया था अर्जुन को श्राप
महाभारत के युद्ध से पहले जब अर्जुन दिव्य-अस्त्र प्राप्त करने स्वर्ग गए, तो वहां उर्वशी नाम की अप्सरा उन पर मोहित हो गई। यह देख अर्जुन ने उन्हें अपनी माता के समान बताया। यह सुनकर क्रोधित उर्वशी ने अर्जुन को श्राप दिया कि वह नंपुन्सक हो जाएगा और उसे स्त्रियों में नर्तक बनकर रहना पड़ेगा। यह बात जब अर्जुन ने देवराज इंद्र को बताई तो उन्होंने कहा कि अज्ञातवास के दौरान यह श्राप तुम्हारी मदद करेगा और तुम्हें कोई पहचान नहीं पाएगा।
6. राजा अनरण्य का रावण को श्राप
वाल्मीकि रामायण के अनुसार रघुवंश के राजा अनरण्य और रावण के बीच युद्ध हुआ था| उस युद्ध में राजा अनरण्य की मृत्यु हो गई। मरने से पहले उन्होंने रावण को श्राप दिया कि एक रघुवंशी ही तेरी मृत्यु का कारण बनेगा। इन्हीं के वंश में आगे जाकर भगवान श्रीराम ने जन्म लिया और रावण का वध किया।
7. तुलसी का श्रीगणेश को श्राप
एक बार तुलसी देवी गंगा तट से गुजर रही थीं, उस समय वहां गणेश जी तप कर रहे थे। गणेश जी को देखकर तुलसी उनकी ओर आकर्षित हो गई। तब तुलसी ने श्रीगणेश से कहा कि आप मेरे स्वामी हो जाइए, लेकिन गणेश जी ने तुलसी से विवाह करने से इंकार कर दिया। क्रोध में आकर तुलसी ने श्रीगणेश को विवाह करने का श्राप दे दिया और श्रीगणेश ने तुलसी को वृक्ष बनने का।