नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है ‘नौ रातें’ तथा हिन्दू धर्म में इसकी अधिक मान्यता है| इन नौ रातों में नौ देवी रूपों की पूजा की जाती है और दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है| नवरात्रि के नौ रातों में महालक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हे नव दुर्गा कहते है|
दुर्गा का मतलब जीवन के दुख को हटाने वाली होता है, नवरात्रि माँ दुर्गा को अत्यंत प्रिय है| शास्त्रों में बताया गया है कि जो भी नवरात्रे रखकर माँ को मनाता है और मनोकामना मांगता है वो पूरी हो जाती है और सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त की जा सकती है|
निम्नलिखित उपायों को ध्यान रखकर नवरात्रे रखने से होगी मन की इच्छाएंँ पूरी-
- माँ की कृपा सदा पाने के लिए प्रतिदिन पूजा के समय माँ को शहद चड़ाना चाहिए और ऐसा करने से सुंदर रूप प्राप्त हो सकता है|
- अचानक धन प्राप्ति के लिए एक शांत कमरे में नवरात्रि के दिन तेल के नौ दीपक जलाकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके पीले आसन पर बैठ जाए और इन नौ दीपकों के सामने लाल चावल की एक ढेरी बनाकर उस पर एक श्रीयंत्र रख लें। श्रीयंत्र का धूप दीपक करने के बाद प्लेट में स्वास्तिक बनाये और पूजन करें|
- नवरात्रि में प्रतिदिन नीचे दिए गए मंत्रो का ज्यादा से ज्यादा जाप करें –
1 . “सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके । शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते “।।
2 . “ऊँ जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी ।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते” ।। - शनिवार के दिन नवरात्रि में सूर्योदय होने से पहले ग्यारह पत्ते पीपल के लेकर उन पर राम नाम लिखकर उसकी एक माला बनाकर हनुमानजी को डाल दें, ऐसा करने से कारोबार की परेशानियां खत्म होती है|
- घर में छोटे बच्चों की बुद्धि बढ़ाने के लिए उनके हाथों माँ को केले का भोग लगवाएं, कुछ केलों को दान में दे दें और बाकि केलों को प्रसाद के रूप में घर के सदस्यों में बाँट दें|
- नवरात्रि में शिव पार्वती की विधि पूर्वक पूजा करने से और नीचे दिए गए मंत्र का 3, 5 और 10 माला जाप करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती है| मंत्र कुछ इस तरह से है –ऊँ शं शंकराय सकल-जन्मार्जित-पाप इसके बाद रोजाना नित्य सुबह उठकर पूजा के समय इस मंत्र का 21 बार जप अवश्य करें।-विध्वंसनाय, पुरुषार्थ-चतुष्टय-लाभाय च पतिं मे देहि कुरु कुरु स्वाहा।।
- नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि जो की काल को नष्ट करने की देवी है, उनका पूजन किया जाता है| मुकदमें में विजय पाने के लिए या फिर शत्रुओं का नाश करने के लिए दुर्गा सप्तशती के सातवें और दसवें अध्याय का पाठ करें|
- बिमारियों से मुक्ति पाने हेतु नवरात्रि के सोमवार और शनिवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल अथवा जल चढ़ाये|
- नवरात्रि के अंतिम दिन स्नान करके इस मंत्र सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।। का उच्चारण करते हुए अग्नि में 108 देशी घी की आहुतियां डालें| इसके बाद रोजाना नित्य सुबह उठकर पूजा के समय इस मंत्र का 21 बार जप अवश्य करें। यह सब करने से परिवार के सदस्यों के आपसी सम्बंध मजबूत होंगे