घर के मंदिर में यह मूर्तियां अवश्य होनी चाहिए

घर में मंदिर होना बहुत आवश्यक होता है| क्योंकि मंदिर के घर में होने से घर में सकरात्मक ऊर्जा आती है तथा यह घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक…

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अच्छा हुआ हम इन्सान नहीं बने

आज बन्दर और बन्दरिया के विवाह की वर्षगांठ थी । बन्दरिया बड़ी खुश थी एक नज़र उसने अपने परिवार पर डाली। तीन प्यारे-प्यारे बच्चे, नाज उठाने वाला साथी, हर सुख-दु:ख…

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द्रोपदी ने क्यों कहा कि भीम ही है मेरा सच्चा पति

द्रोपदी द्रुपद नरेश की पुत्री थी| अपनी पुत्री के विवाह के लिए द्रुपद ने स्वयंवर का आयोजन किया| उस समय पांडव वनवास व्यतीत कर रहे थे| स्वयंवर में धनुषकला की…

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खुश रहने और खुशी से जीवन बिताने के 40 तरीके

इस दुनिया को खुश रहने वाले व्यक्ति की जरुरत है फिर क्यू ना सबसे पहले हम ही एक ऐसा आदमी बन जाये जो अपना हर पल खुशी से बिताना जानता…

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आप एक अच्छे इंसान हैं, लेकिन क्या आप एक पुण्य आत्मा हैं?

एक औरत अपने बच्चे को एक संत व्यक्ति के पास लेकर गई। उसने संत से कहा, “मेरे डॉक्टर ने कहा है कि मेरे बेटे को मधुमेह है। इसलिये उसे मीठा…

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क्यों मृत्यु नहीं है जीवन का अंत

मृत्यु का अर्थ है भौतिक शरीर से आत्मा का जुदा होना है। मृत्यु नये और बेहतर जीवन का एक प्रारंभिक बिन्दु बन जाता है। यह जीवन के उच्च रूप का…

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राम कथा के इन घटनाक्रम से प्रेरणा लेकर इन्‍हें जीवन में आत्‍मसात करें

रावण वध कर, अयोध्या लौटने पर हम भगवान ​श्री राम के स्वागत में हर साल दीवाली का त्यौहार हर्षोउल्लास के साथ मनाते है। जबकि इसी उलट आज हम मुकाम हासिल…

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मैं भारत का नागरिक हूँ, मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये।

मैं भारत का नागरिक हूँ, मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये। बिजली मैं बचाऊँगा नहीं, बिल मुझे कम चाहिये । पेड़ मैं लगाऊँगा नहीं, मौसम मुझको नम चाहिये। शिकायत मैं करूँगा…

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मुद्रा माटी हो गई, मोदी भए कुम्हार। नेता मिलि के रो रहे, ऐसा हुआ प्रहार

मुद्रा माटी हो गई, मोदी भए कुम्हार। नेता मिलि के रो रहे, ऐसा हुआ प्रहार।। दीदी गुर्राए यहाँ, वहाँ बहन जी रोय। उधर केजरी दंग है; क्यों हमको मोदी धोय।।…

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आचार्य चाणक्य के द्वारा कहे गए 602 बहुमूल्य विचार

चाणक्य का जन्म भारत वर्ष में लगभग 2400 साल पहले हुआ था| उनके द्वारा लिखे गए ग्रन्थ आज भी उतने ही सही हैं जितने उस काल में थे| चाणक्य, नालंदा…

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यह हैं भाग्यशाली होने की पाँच निशानियाँ

माना जाता है कि धरती पर हर कोई अपने साथ अपना भाग्य लेकर आता है। किसी के जीवन में उनका भाग्य साथ देता है तो किसी के जीवन में नहीं।…

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हम हिन्दुस्तानी होते हुए भी हिन्दू नव वर्ष क्यों नहीं मनाते?

हम भारतीय होते हुए भी अपनी सभ्यता और संस्कृति तो भूलते जा ही रहे हैं साथ ही हम अपने त्योहारों की अपेक्षा उन अंग्रेजों के त्योहारों को बड़े धूम धाम…

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