हमारे पूर्वजों के अनुसार कुल बारह राशियाँ होती हैं सबसे पहले मेष और उसके बाद वृष राशि आती है| आइये जानते हैं वृष राशि के लोगों के स्वभाव, भविष्य और आदतों के बारे में| जैसा की नाम से ही विदित है वृष अर्थात बैल इस राशि के लोग अति परिश्रमी और धैर्यवान होते हैं ऐसे तो इस राशि के जातक बड़े ही शांत स्वभाव के होते हैं और इन्हें गुस्सा बहुत कम आता परन्तु एक बार अगर गुस्सा आ जाए तो जल्दी शांत भी नहीं होता|
वृष राशि के जातक के नाम क्रमशः ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो अक्षरों से शुरू होते हैं और इनका राशि स्वामी शुक्र होता है| और राशि स्वामी शुक्र होने की वजह से वृष राशि के जातक अगर किसी भी नए या मंगल कार्य की शुरुआत शुक्रवार को करते हैं तो वो कार्य निश्चित रूप से सफल होता है| इनके जीवन में पिता-पुत्र का कलह रहता है, जातक का मन सरकारी कार्यों की ओर रहता है और सरकारी ठेकेदारी का कार्य करवाने की योग्यता रहती है। ये अधिक सौन्दर्य प्रेमी और कला प्रिय होते हैं जातक कला के क्षेत्र में नाम करता है साथ ही पिता के पास जमीनी काम या जमीन के द्वारा जीविकोपार्जन का साधन होता है|
गुरु का प्रभाव जातक में ज्ञान के प्रति अहम भाव को पैदा करने वाला होता है, वह जब भी कोई बात करता है तो स्वाभिमान की बात करता है। किसी प्रकार से केतु का बल मिल जाता है तो जातक सरकार का मुख्य सचेतक बनने की योग्यता रखता है। मंगल के प्रभाव से जातक के अंदर मानसिक गर्मी प्रदान करता है। माता और पति का साथ या माता और पत्नी का साथ घरेलू वातावरण मे सामंजस्यता लाता है, जातक अपने जीवनसाथी के अधीन रहना पसंद करता है| कल-कारखानों, स्वास्थ्य कार्यों और जनता के झगड़े सुलझाने का कार्य जातक कर सकता है, जातक की माता के जीवन में परेशानी ज्यादा होती है। चन्द्र-बुध जातक को कन्या संतान अधिक देता है और माता के साथ वैचारिक मतभेद का वातावरण बनाता है और आपके जीवन में व्यापारिक यात्राएं काफी होती हैं, अपने ही बनाए हुए उसूलों पर जीवन चलाता है|
रोहिणी के चौथे चरण के मालिक चन्द्रमा हैं, जातक के अंदर हमेशा उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है, वह अपने ही मन का राजा होता है। हमेशा दिमाग में कोई योजना बनती रहती है कई बार अपने किए गए षडयंत्रों में खुद ही फंस भी जाते हैं| वृष राशि वाले जातक शांति पूर्वक रहना पसंद करते हैं, उनको जीवन में परिवर्तन से चिढ सी होती है, इस राशि के जातक अपने को बार बार अलग माहौल में रहना अच्छा नही लगता है। इस प्रकार के लोग सामाजिक होते हैं और अपने से उच्च लोगों को आदर की नजर से देखते है। जो भी इनको प्रिय होते हैं उनको यह आदर खूब ही देते हैं, और सत्कार करने में हमेशा आगे ही रहते है साथ ही सुखी और विलासी जीवन जीना पसंद करते हैं।