भगवद गीता7 Min Read भगवद गीता (विभूतियोग- दसवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 42) अथ दशमोऽध्याय:- विभूतियोग ( भगवान की विभूति और योगशक्ति का कथन तथा उनके जानने का फल) श्रीभगवानुवाच भूय एव महाबाहो श्रृणु मे परमं वचः ।…
ज्योतिष2 Min Read अपने स्वभाव से जाने की आप तुला राशि के तो नहीं? राशि चक्र के सातवें स्थान पर आती है तुला राशि जिसका चिन्ह तराजू है तथा राशि का स्वामी शुक्र है| तुला राशि वालों के नाम क्रमशः रा, री, रू, रे,…
ज्योतिष2 Min Read शास्त्रों में बताया है की उम्र ही नहीं, तिथियों के अनुसार बनती बिगड़ती है भाग्य की लकीरें हस्तरेखा से ज्योतिष का एक ऐसा ज्ञान है। जिसके जरिए भूतकाल, वर्तमान और भविष्य तीनों के बारे में पता लगाया जा सकता है। लेकिन आपको जानकर…
कहानियाँ2 Min Read खुशी तुम्हारे अन्दर है, लेकिन तुम उसे पैसे और बाहरी वस्तुओं में ढूंढ रहे हो एक गाँव में एक बहुत अमीर व्यक्ति रहता था। उसके जीवन में कोई कमी नही थी। परन्तु वह फिर भी बहुत चिंतित रहता था। एक दिन उसके एक मित्र ने उसे एक…
धर्म1 Min Read क्यों लिए जाते हैं विवाह के समय अग्नि के फेरे हिन्दू धर्म में विवाह तब तक सम्पन्न नही माना जाता जब तक वर और वधु अग्नि के सामने सात फेरे लेकर सात वचन निभाने का वादा न कर लें। परन्तु क्या आप…
अन्य4 Min Read श्री राधा कृष्ण की प्रेम भरी भक्ति शायरी जब भी दो प्रेमी जोड़ो का नाम आता है उसमे राधा कृष्णा जी का नाम सबसे ऊपर आता है जिसमे की कृष्णा जी भगवान् विष्णु के अवतार व राधा जी माता लक्ष्मी…
भगवद गीता7 Min Read भगवद गीता (राजविद्याराजगुह्ययोग- नौवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 34) अथ नवमोऽध्यायः- राजविद्याराजगुह्ययोग ( प्रभावसहित ज्ञान का विषय ) श्रीभगवानुवाच इदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यनसूयवे । ज्ञानं विज्ञानसहितं…
धर्म2 Min Read हनुमान जी की रची किस लीला के कारण उठाना पड़ा श्री कृष्ण को गोवर्धन पर्वत यह तो सबको ज्ञात है कि इंद्र के कोप से गोकुल वासियों को बचाने के लिए श्री कृष्ण ने गोवर्धन को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। परन्तु बहुत कम…
ज्योतिष2 Min Read नमक भर सकता है आपके घर को सकारात्मक ऊर्जा से क्या आप जानते हैं कि नमक आपके खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ साथ घर में सुख समृद्धि भी लाता है। नमक में ऐसी शक्ति होती है जो आपके घर…
धर्म1 Min Read कैसे शुरू हुई शनि देव पर तेल चढ़ाने की परम्परा शनि देव की कृपा तथा कहर से कोई अनजान नहीं है। उन्हें न्याय का देवता कहा जाता है। अगर शनि देव हमसे प्रसन्न हैं तो हमारे जीवन में कोई कष्ट नही आ…
कहानियाँ1 Min Read Hanuman Ji ne chhati chir ke dikhaya – हनुमान जी ने भरी सभा में अपना सीना डाला चीर This is described in the later parts of the Ramayana. After Lord Rama came back from his vanavasa of 14 years and winning over Lanka Naresh…
भगवद गीता6 Min Read भगवद गीता (अक्षरब्रह्मयोग- आठवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 28) अथाष्टमोऽध्यायः- अक्षरब्रह्मयोग ( ब्रह्म, अध्यात्म और कर्मादि के विषय में अर्जुन के सात प्रश्न और उनका उत्तर ) अर्जुन उवाच किं तद्ब्रह्म…